अमेरिका-रूस के बढ़ते तनाव के बीच शांति के प्रयासों पर जोर
ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. के. ए. पॉल ने तीसरे विश्व युद्ध की संभावना को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। 1994 में रूस, यूक्रेन और अमेरिका के बीच शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा चुके डॉ. पॉल ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा यूक्रेन को रूस के खिलाफ मिसाइल इस्तेमाल की अनुमति देने के संकेत को विनाशकारी कदम बताया है।
डॉ. पॉल, जो 1991 से बाइडेन के मित्र रहे हैं, ने 2020 में उनके चुनाव अभियान में समर्थन दिया था। लेकिन वर्तमान में, राष्ट्रपति बाइडेन ने उनसे बातचीत से दूरी बना ली है। इसके विपरीत, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में डॉ. पॉल के साथ चर्चा करते हुए चिंता जताई कि अमेरिका और नाटो रूस को उकसा रहे हैं। पुतिन ने नाटो में यूक्रेन को शामिल करने की वैधता पर सवाल उठाया और इसे रूस के लिए गंभीर खतरा बताया।
डॉ. पॉल ने अपने कूटनीतिक अनुभवों को साझा करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी वैश्विक नेताओं से अपील की कि वे इस संकट को गंभीरता से लें। उनके मुताबिक:
- 2002 में भारत-पाक युद्ध रोकने के प्रयास।
- लाइबेरिया के गृहयुद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति चार्ल्स टेलर को पद छोड़ने के लिए मनाना।
- हैती, नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, और बुरुंडी में शांति स्थापित करने में मदद।
डॉ. पॉल ने कहा कि मौजूदा तनाव अगर और बढ़ा, तो इसका विनाशकारी असर अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों पर पड़ेगा, जिससे लाखों जानें जा सकती हैं। उन्होंने दुनिया को चेताया, “हम या तो साथ जीएंगे, या साथ मरेंगे।”
डॉ. पॉल 23 नवंबर को लॉस एंजेलेस के बेवर्ली हिल्स हिल्टन होटल में आयोजित शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं और शांति समर्थकों से मुलाकात करेंगे। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य युद्ध के बजाय कूटनीति को प्राथमिकता देने पर जोर देना है।
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