
नई दिल्ली, (न्यूज ऑफ द डे)
FICCI भारत R&D समिट 2024 के दूसरे दिन भारत की बढ़ती प्रौद्योगिकी क्षमता को उजागर किया गया, जहां शिक्षा, उद्योग और सरकार के शीर्ष विशेषज्ञों ने भाग लिया। चर्चा का केन्द्र अनुसंधान के व्यवसायीकरण को मजबूत करना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को तेज करना और भारत को नवाचार के वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने पर रहा।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को व्यावसायिक सफलता तक पहुंचाने का प्रयास
Cmde अमित रस्तोगी (सेवानिवृत्त), CMD, NRDC ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालयों (TTOs) के लिए एक समान नीति ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने अकादमिक नवाचारों के मूल्यांकन और बाजार तैयारियों में आने वाली चुनौतियों को उजागर किया और एक संरचित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को कम किया जा सके। उन्होंने कहा, “सहयोग के साथ – साथ हमें प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन में स्पष्टता की आवश्यकता है ताकि हम अपने अनुसंधान की पूरी क्षमता का लाभ उठा सकें।”
डॉ. प्रतिष्ठा पांडे, प्रमुख, R&D इंफ्रास्ट्रक्चर, DST ने बताया कि कैसे FIST और SAIF जैसे कार्यक्रम भारत के वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास (R&D) में केवल 0.67% GDP होने के बावजूद, इन योजनाओं ने प्रमुख उद्योगों के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियों को संभव बनाया है।
प्रमुख नवाचारों को सम्मानित किया गया
समिट में ऐसे नए प्रोजेक्ट्स को सम्मानित किया गया जिनका उद्योगों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। IIT गुवाहाटी को ‘टोटली इंप्लांटेबल कॉक्लियर इंप्लांट (TICI)’ के लिए प्रथम पुरस्कार मिला। पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी को उसके ग्रीन हाइड्रोजन सेटअप के लिए प्रथम रनर-अप घोषित किया गया, वहीं SRM इंस्टीट्यूट को बुलेट-प्रूफ हल्के वजन वाली प्रीफैब्रिकेटेड दीवार के लिए तीसरा स्थान मिला।
समिट में कई अन्य स्टॉल भी लगाए गए थे, जिनमें IIT खड़गपुर की 2G बायोएथेनॉल उत्पादन तकनीक और BITS पिलानी की बायोइमेजिंग डाई जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया गया। वहीं चितकारा विश्वविद्यालय ने विकलांग व्यक्तियों के लिए एक स्मार्ट एर्गोनोमिक पोर्टेबल कमोड चेयर पेश की।
भारत की तकनीकी दृष्टि में लंबी छलांग
डॉ. जे.बी.वी. रेड्डी, मिशन निदेशक, नेशनल क्वांटम मिशन, ने भारत के क्वांटम प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने की महत्वाकांक्षी योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार और क्वांटम संवेदन में हो रहे क्रांतिकारी विकास का जिक्र किया। इस मिशन का उद्देश्य T-hubs (थीमैटिक हब) के माध्यम से क्वांटम प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण में तेजी लाना और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करना है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से FICCI भारत R&D समिट 2024 ने भारत की नवाचार सीमाओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को फिर से स्थापित किया, जिसमें उद्योग और शिक्षा के बीच साझेदारी इस परिवर्तनकारी यात्रा का केंद्रबिंदु रही।