मेले में आर्टिजंस की हुई करीब 18 लाख की बिक्री
नई दिल्ली।
दिल्लीवासियों सहित अप्रवासी राजस्थानियों के दिलों पर राजस्थानी कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और खानपान की यादें छोड़कर सात दिवसीय तीज उत्सव मेला आज समापन हो गया। तीज उत्सव में जहां एक ओर तीज़ की सवारी, मेहंदी प्रतियोगिता, पगड़ी प्रतियोगिता, राजस्थानी फैशन शो और सावन के झूलों के साथ- साथ सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया।
राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव और मुख्य आवासीय आयुक्त श्री सुधांश पंत एवं प्रमुख आवासीय आयुक्त श्री आलोक ने तीज मेला और सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का पूजा अर्चना कर आगाज किया। मेले कमें तीज की शोभा यात्रा में राजस्थानी परिधानों में सज्जित महिलाओं ने मंगल कलश लेकर यात्रा की शोभा बढ़ाई। तीज माता की सवारी निकालने के अवसर पर अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती अंजू ओमप्रकाश और उप आवासीय आयुक्त श्रीमती रिंकू मीणा सहित अन्य महिला अधिकारियों ने तीज प्रोसेशन में हिस्सा लिया।
मुख्य सचिव और मुख्य आवासीय आयुक्त श्री सुधांश पंत ने इस आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा आयोजन व्यापक दर्शकों तक पहुंचने और आजीविका को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि मेले के बाद भी जो लोग राजस्थान से रूबरू होना चाहते हैं वह बीकानेर हाउस के कार्यक्रमों में भागीदारी निभा सकते हैं।
राजस्थान सरकार के प्रमुख आवासीय आयुक्त श्री आलोक ने कहा सरकार द्वारा बीकानेर हाउस से राजस्थानी कला और संस्कृति दो जन- जन तक पहुंचाने के लिए ऐसे मेले और कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जाता है। दिल्ली वासियों और प्रवासी राजस्थानियों को ऐसे कार्यक्रमों में बढ़-कर कर हिस्सा लेना चाहिए।
रूड़ा के मेला संचालक श्री ओम प्रकाश ने बताया कि तीजोत्सव के दौरान राजस्थान के विभिन्न अंचलों के राष्ट्रीय एवं राज्य पुरूस्कार प्राप्त आर्टिजंस ने लगभग 50 स्टॉलों पर अपनी कला का सजीव प्रदर्शन कर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि इस मेले में आगंतुकों ने राजस्थान के हस्तकलाकारों द्वारा निर्मित उत्पादों जैसे कोटा डोरिया, सांगानेरी प्रिंट, मोजडी, जयपुर बैंगल्स, मिटटी के बर्तन, पेंटिंग्स, परिधानों इत्यादि की खूब खरीदारी की।
श्री ओमप्रकाश ने बताया कि मेला आर्टिजंस के स्टॉल्स पर करीब 18 लाख से ज्यादा की अच्छी बिक्री हुई है जो कि दिल्ली में मानसून के मौसम में एक अच्छी बिक्री मानी जा सकती है।
बीकानेर हाउस में राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. शिवराम मीना ने बताया कि तीजोत्सव के दौरान राजस्थान के विभिन्न अंचलों के राष्ट्रीय एवं राज्य पुरूस्कार प्राप्त आर्टिजंस ने लगभग 50 स्टॉलों पर अपनी कला का सजीव प्रदर्शन कर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। डॉ . मीना ने कहा कि इस मेले में आगंतुकों ने राजस्थान के हस्तकलाकारों द्वारा निर्मित उत्पादों जैसे कोटा डोरिया, सांगानेरी प्रिंट, मोजडी, जयपुर बैंगल्स, मिटटी के बर्तन, पेंटिंग्स, परिधानों इत्यादि की खूब खरीदारी की। मेले में आर्टिजंस के स्टॉल्स पर करीब 18 लाख से ज्यादा की अच्छी बिक्री हुई है जो कि दिल्ली में मानसून के मौसम में एक अच्छी बिक्री मानी जा सकती है।