लोकसभा: क्या केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर विचार कर रही है? जदयू सांसद रामप्रीत मंडल का सीधा सवाल, जवाब- मौजूदा प्रावधानों के तहत यह संभव नहीं
“जदयू का सीधा सवाल: क्या केंद्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर विचार कर रही है?”
केंद्र की एनडीए सरकार में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने लोकसभा में सीधे अपने ही सरकार से सवाल किया है कि क्या वह बिहार और अन्य पिछड़े राज्यों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा विचार है तो सरकार स्पष्ट करे, और अगर नहीं है तो इसका कारण बताएं। जदयू के रामप्रीत मंडल द्वारा उठाए गए इस सवाल का जवाब बजट सत्र के पहले दिन ही आ गया। मंडल ने यह सवाल वित्त मंत्री से पूछा था। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने इस पर नकारात्मक और स्पष्ट उत्तर दिया। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि यदि विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे सकते, तो विशेष पैकेज प्रदान करें। अब संभव है कि एनडीए सरकार जदयू की इस मांग पर विचार करने के लिए विकल्प तलाशे।
“बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जा सकता”
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने रामप्रीत मंडल के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) ने पहले कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा योजना सहायता के लिए प्रदान किया था, जिनके पास विशेष परिस्थितियां थीं। यह निर्णय उन परिस्थितियों और राज्य की विशिष्ट स्थिति के आधार पर लिया गया था। बिहार के विशेष श्रेणी के दर्जे के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। आईएमजी ने निष्कर्ष निकाला था कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जा सकता।” यह रिपोर्ट कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय की है, और मौजूदा सरकार ने इसी रिपोर्ट का हवाला दिया है।
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