नई दिल्ली, 6 अप्रैल, 2024:
आर्य समाज वसंत विहार ने शनिवार को आर्य समाज मंदिर वसंत विहार में 150वां आर्य समाज स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया।
यह दिवस 1875 में महर्षि दयानंद सरस्वती जी द्वारा आर्य समाज की स्थापना की याद में मनाया जाता है। यह उत्सव आंदोलन के मूल सिद्धांतों और इसके स्थायी प्रभाव की जीवंत याद दिलाता है।
आर्य समाज वसंत विहार ने 150वें आर्य समाज स्थापना दिवस की स्मृति में शनिवार, 6 अप्रैल, 2024 को एक विशेष कार्यक्रम, नूतन वर्ष अभिनंदन समारोह का आयोजन किया, जो हर साल 9 अप्रैल को मनाया जाता है
आर्य समाज वसंत विहार की अध्यक्ष श्रीमती संतोष कपूर ने इस दिन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आर्य समाज स्थापना दिवस स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विजन को याद करने और वेदों में निहित आदर्शों के प्रति पुनः प्रतिबद्ध होने के लिए मनाया जाता है।”
इस पावन अवसर पर बोलते हुए उपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र स्वरूप ने उनकी भावनाओं को दोहराया और बताया कि किस प्रकार स्वामी दयानंद जी की सामाजिक सुधार और आत्मनिर्भरता की शिक्षाएं उन्हें प्रेरित करती रहती हैं। आर्य समाज वसंत विहार प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों ने उत्तम मेजबान की भूमिका निभाई। श्रीमती अंजू पुरी, श्रीमती कुसुम दुग्गल, श्रीमती सुनीता नैयर, डॉ. सुधांशु कंसल, श्रीमती प्रिया सूरी, श्रीमती पूजा कपूर, श्री दीपक दीवान और श्री विनोद कुमार पांडे ने इस अवसर को और भी यादगार बना दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत हवन से हुई और उसके बाद महात्मा आनंद स्वामी प्राथमिक विद्यालय और एसबीडीएवी स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद आर्य समाज वसंत विहार भजन मंडली द्वारा भजन प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा सामाजिक उत्थान को बढ़ावा देने के लिए आर्य समाज द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की गई।
सचिव श्री सुमित दुग्गल ने शिक्षा और सामुदायिक सेवा में अपनी पिछली पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हम वंचित बच्चों के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करने और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का समर्थन करने में सक्रिय रूप से शामिल हैं।”
कोषाध्यक्ष श्री योगी सूरी ने भविष्य के प्रयासों की योजनाओं की रूपरेखा भी बताई, जिसमें उनके आउटरीच कार्यक्रमों और युवा जुड़ाव पहलों का विस्तार करना शामिल है।
आध्यात्मिक प्रवचन के साथ समारोह को बनाया समृद्ध
कार्यक्रम के आध्यात्मिक महत्व को जोड़ते हुए, डॉ. प्रमोद योगार्थी, प्रिंसिपल ब्रह्म महाविद्यालय, हिसार ने 150 साल पहले इसकी स्थापना से लेकर आज तक हमारे जीवन में आर्य समाज की प्रासंगिकता पर बात की। उनके गहन ज्ञान और आकर्षक भाषण ने दर्शकों को प्रभावित किया, जिससे समाज के सिद्धांतों और दैनिक जीवन में उनके अनुप्रयोग की गहरी समझ मिली।
आर्य समाज स्थापना दिवस समारोह सौहार्द की भावना और संगठन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नए सिरे से समर्पण के साथ संपन्न हुआ।