
उतारने के लिए बंद करनी पड़ी ओएचई लाइन
नई दिल्ली।
130 किमी. की रफ्तार से चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस की छत पर लेट एक युवक दिल्ली से कानपुर पहुंच गया। जब अधिकारियों ने यह नजारा देखा तो उनकी नींद उड़ गई। जानकारी मिलते ही रात एक बजे रेलवे महकमा कानपुर स्टेशन पहुंच गया। और युवक को उतारने के लिए ओएचई लाइन भी बंद करानी पड़ी। इस दौरान ट्रेन 45 मिनट तक प्लेटफार्म पर खड़ी रही।
बता दें कि ट्रेन के ऊपर से 25 हजार वोल्ट की लाइन जाती है। यदि युवक खड़ा हो जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। वह पांच घंटे दिल्ली से कानपुर तक नॉन स्टॉप ट्रेन की छत पर लेटा रहा। सबसे बड़ी बात यह रही कि किसी ने उसे देखा तक नहीं। गौरतलब है कि आनंद विहार टर्मिनल से हमसफर एक्सप्रेस 12572 सोमवार रात 8 बजे दिल्ली से चलकर कानपुर रात 12:53 बजे प्लेटफार्म नंबर 9 पर आई। यह गोरखपुर तक जाती है। तभी यात्रियों ने इंजन से पांचवे कोच बी-11 की छत पर एक युवक को लेटे हुए देखा। यात्रियों ने शोर मचाया तो रेलवे के अधिकारी, आरपीएफ और जीआरपी स्टाफ मौके पर पहुंचा।
पहुंचा रेलवे का अमला
जानकारी मिलते ही डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह, एसीएम रेलवे संतोष कुमार त्रिपाठी, स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार तिवारी, आरपीएफ इंस्पेक्टर बीपी सिंह, जीआरपी इंस्पेक्टर अनिल शर्मा भी आ गए। मिली जानकारी के मुताबिक पहले तो युवक आराम से लेटा हुआ था, जैसे वह छुपने का प्रयास कर रहा हो। फिर उसने गर्दन और पैर हिलाया। अधिकारियों ने उसको समझाकर नीचे उतारने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। अधिकारियों को डर था कि ज्यादा बोलने पर कहीं युवक खड़ा न हो जाए। इससे वह ओएचई के संपर्क में आ सकता था। कई बार समझाने पर भी युवक नीचे आने को तैयार नहीं हुआ तो ओएचई लाइन बंद कर उसे नीचे उतारा गया। युवक की पहचान फतेहपुर के बिंदकी थानाक्षेत्र के दिलीप कुमार के रूप में हुई है।
मानसिक रूप से बताया जा रहा बीमार
डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह ने बताया कि युवक से पूछताछ की गई, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे सका। प्रथम दृष्टया वह मानसिक रूप से बीमार लग रहा है। उसके घरवालों को जानकारी दे दी गई है। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि इस घटना में आरोपी को तीन साल की सजा व 500 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।