नई दिल्ली।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ विपक्ष एकजुट होता नजर आ रहा है। सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। वहीं, अब इस मामले में 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगने जा रहा है।
आदमी पार्टी के सूत्रों के हवाले से सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली INDI गठबंधन की रैली के लिए चुनाव आयोग और पुलिस से इजाजत मिल गई है। हालांकि पुलिस ने मंजूरी देते वक्त एक शर्त भी रखी है। आयोजकों को यह साफ कर दिया गया है कि रैली में 20 हजार से ज्यादा लोग नहीं आएंगे। INDI अलायंस के बैनर तले होने जा रही इस रैली का मुख्य स्लोगन ‘तानाशाही हटाओ लोकतंत्र बचाओ’ होगा।
INDI गठबंधन के कई नेता होंगे रैली में शामिल
सूत्रों के मुताबिक, इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, डेरेक ओ ब्रायन तिरुचि शिवा, फारूक अब्दुल्ला, चंपई सोरेन, कल्पना सोरेन, सीताराम येचुरी, डी राजा सहित गठबंधन के कई नेता शामिल होंगे।
रैली में शामिल हो सकती हैं केजरीवाल की पत्नी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ही पार्टी ही उम्मीद हैं। हालांकि, वह पार्टी को एकजुट बनाए रखने के लिए मैदान में उतर चुकी हैं। मगर अब 31 मार्च को वह पहली बार किसी राजनीतिक मंच से अपना भाषण दे सकती हैं। सुनीता केजरीवाल मंच से बोलने की पिछले कुछ दिनों से तैयारी कर रही हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से पार्टी के मामलों में उनकी सक्रियता बढ़ चुकी है।
अरविंद केजरीवाल पर क्या है आरोप?
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में कुल दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सीबीआई भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम के तहत मामले की जांच कर रही है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय की टीम मनी ट्रेल का पता लगाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच में जुटी है। सीएम केजरीवाल को ईडी के केस में 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था। चार दिन की अतिरिक्त कस्टडी मिलने के बाद अब ईडी सीएम को एक अप्रैल को कोर्ट के समक्ष पेश करेगी। सीएम पर आरोप है कि उन्होंने गोवा चुनाव को फंड करने के लिए दिल्ली शराब नीति बनाई, जिसमें साउथ लॉबी को फायदा पहुंचाया गया।