प्रमुख आवासीय आयुक्त श्री आलोक ने किया उत्सव का शुभारंभ
राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से बांधा समां
नई दिल्ली।
राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रमों की श्रंखला में गुरुवार को नई दिल्ली के बीकानेर हाउस के चांदनी बाग में आयोजित राजस्थान उत्सव समारोह में राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपनी कला और नृत्य से ऐसा समां बांधा, कि सभी उपस्थित दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए।
राजस्थान उत्सव का शुभारंभ प्रमुख आवासीय आयुक्त श्री आलोक ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती अंजु ओमप्रकाष, उप आवासीय आयुक्त श्रीमती रिंकू मीना, वरिष्ठ लेखाधिकारी श्रीमती श्रेया सिंह भदोरिया और पर्यटक स्वागत केन्द्र की उप निदेषक श्रीमती दीपाली शर्मा भी उपस्थित थे।
राजस्थान पर्यटक स्वागत केन्द्र के सहायक निदेषक श्री छतरपाल यादव ने बताया कि इस सांस्कृतिक संध्या का आरंभ अतिथियों के स्वागत के साथ किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ जोधपुर के मो. रफीक और उनके साथी कलाकारों ने गणेश वंदना से किया। इसके उपरांत श्रीमती मोरू सपेरा और उनके दल ने प्रदेश के पारंपरिक चरी, भवई, कालबेलिया एवं घूमर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। अलवर के मशहूर कलाकार श्री उमर फारूख ने भपंग वादन की प्रस्तुति प्रस्तुत कर दर्शकों का मनोरंजन करते हुए उनका मन मोह लिया।
कार्यक्रम के उदघोषक अलवर के श्री खेमेन्द्र सिंह ने उत्कृष्ट रूप से कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर राज्य सरकार के दिल्ली स्थित कार्यालयों के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित राजस्थान मित्र मंडल के सदस्य तथा अन्य आमंत्रित विषिष्टगण भी उपस्थित थे।
पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता का आयोजन :
इस अवसर पर पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेष के विभिन्न अंचलों से आए लगभग 20 प्रतिभागियों ने विषिष्टजनों एवं आगंतुकों के समक्ष पगड़ी बांधकर दिखाई। इस प्रतियोगिता में निर्धारित जजों के पैनल की अनुषंसा पर तीन लोगों को चुना गया। जिसमें श्री केवल चंद को प्रथम, श्री मुकेष सिंघल को द्वितीय तथा कैलाष नायक को तृतीय पुरूस्कार से सम्मानित किया।
पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन :
इससे पूर्व इस अवसर पर एक पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता को दो समूहों मे विभाजित किया गया। जिसमें 6 से 12 वर्ष के समूह में लगभग 45 बच्चों और 12 से 18 वर्ष के समूह में 24 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में भी निर्धारित जजों के पैनल की अनुषंसा पर तीन प्रतिभागियों को पुरूस्कारों के लिए चयनित किया गया। इन सभी को पुरूस्कार के रूप में गिफ्ट हैंपर प्रदान किए गए।
रूडा द्वारा शिल्प मेले का आयोजन
राजस्थान उत्सव के इस साप्ताहिक कार्यक्रम में जहां एक ओर राजस्थान ग्रामीण गैर कृषि विकास एजेंसी (रूडा) द्वारा आयोजित शिल्प मेले ने अपनी अनूठी शिल्पकृतियों से आगंतुकों को आकर्षित किया, तो दूसरी ओर पॉटर्स व्हील और ब्लॉक प्रिंटिंग वर्कशॉप ने अतिथियों को स्वयं मिट्टी की आकृतियाँ बनाने का रोचक अनुभव प्रदान करवाया।
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