नई दिल्ली।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई) ने 20 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। इनमें राजधानी दिल्ली के पांच स्कूल शामिल हैं। सीबीएसई बोर्ड के सचिव हिमांशु गुप्ता ने यह जानकारी दी है। बोर्ड ने तीन विद्यालयों के ग्रेड का स्तर भी कम कर दिया है। गुप्ता ने कहा, ‘‘यह पता लगाने के लिए कि क्या सीबीएसई स्कूल संबद्धता और परीक्षा उपनियमों में निहित प्रावधानों और मानदंडों के अनुसार चल रहे हैं, देशभर के सीबीएसई विद्यालयों में किए गए एक औचक निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कुछ स्कूल डमी विद्यार्थियों और अयोग्य उम्मीदवारों को अपने यहां दाखिले के लिए विभिन्न प्रकार के कदाचार कर रहे थे और रिकॉर्ड को दुरुस्त नहीं किया गया था।” उन्होंने कहा, ‘‘गहन जांच के बाद 20 स्कूलों की मान्यता रद्द करने और तीन का ग्रेड कम करने का निर्णय लिया गया है।”
दिल्ली के ये स्कूल
सीबीएसई बोर्ड के अनएफिलेटेड स्कूलों में से पांच स्कूल दिल्ली के है। इसमें दिल्ली के सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल, भारत माता सरस्वती बाल मंदिर, नेशनल पब्लिक स्कूल, चांद राम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल और मैरीगोल्ड पब्लिक स्कूल शामिल हैंञ। जबकि उत्तर प्रदेश के लॉयल पब्लिक स्कूल (बुलंदशहर), ट्रिनिटी वर्ल्ड स्कूल (गौतम बौद्ध नगर), क्रिसेंट कॉन्वेंट स्कूल (गाजीपुर) शामिल हैं। अनएफिलेटेड स्कूलों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के तीन, दो-दो केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के, एक-एक जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, असम और मध्य प्रदेश में हैं। बता दें कि ‘डाउनग्रेड’ किए गए विद्यालयों में दिल्ली, पंजाब और असम के विद्यालय शामिल हैं।
ये हैं अन्य स्कूल
छत्तीसगढ़ के रायपुर में द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल और विकॉन स्कूल, महाराष्ट्र में राहुल इंटरनेशनल स्कूल (ठाणे) और पायनियर पब्लिक स्कूल (पुणे), केरल में पीवीज़ पब्लिक स्कूल (मलप्पुरम) और मदर टेरेसा मेमोरियल सेंट्रल स्कूल (तिरुवनंतपुरम), राजस्थान के सीकर स्थित प्रिंस यूसीएच माध्यमिक विद्यालय और जोधपुर स्थित ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल भी शामिल हैं। असम के गुवाहाटी में साई आरएनएस अकादमी, मध्य प्रदेश में सरदार पटेल पब्लिक स्कूल (भोपाल), जम्मू-कश्मीर में करतार पब्लिक स्कूल (कठुआ) और उत्तराखंड में ज्ञान आइंस्टीन इंटरनेशनल स्कूल (देहरादून) भी सूची में है।
इन स्कूलों के ग्रेड कम
ग्रेड कम किए गये स्कूलों में दिल्ली का विवेकानंद स्कूल, पंजाब के बठिंडा का श्री दशमेश सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल और असम के बारपेटा में श्रीराम अकादमी शामिल हैं। बता दें कि इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले करोड़ों छात्र डमी स्कूलों में प्रवेश लेना पसंद करते हैं, ताकि वे पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। वे कक्षाओं में नहीं जाते हैं और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो जाते हैं। पिछले दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि डमी विद्यालयों के मुद्दे को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रधान ने कहा था कि हालांकि ऐसे छात्रों की संख्या कुल छात्रों की संख्या की तुलना में बहुत अधिक नहीं है…लेकिन समय आ गया है कि इस विषय पर गंभीर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाए।