नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मी वर्तमान में पौष्टिक खाना न मिलने की समस्या से जूझ रहे हैं। इसका कारण रसोइयों की खासी कमी होना है। वर्तमान में 839 में से 533 पदों पर ही अभी रसोइये तैनात हैं। 306 रसोइयों के पद खाली पड़े हैं। इस वजह से करीब 83 थाने रसोइयों की कमी की मार झेल रहे हैं।
आरटीआई के जवाब में हुआ खुलासा
खाली पदों का यह आंकड़ा दिल्ली पुलिस की ओर से एक आरटीआई के जवाब में दिया गया है। आरटीआई एक्टविस्ट जीशान हैदर ने दिल्ली पुलिस में एक आरटीआई लगाकर पूछा था कि दिल्ली में कितने सरकारी रसोइये के पद स्वीकृत हैं, कितने पद भरे हुए हैं और कितने खाली हैं। किन थानों में रसोइया नहीं है, उनके नाम सहित बताएं और किन थानों में रसोइया है, उनके नाम सहित बताया जाए।
क्या होती है परेशानी?
पुलिस सूत्रों के अनुसार उनकी ड्यूटी की कोई टाइमिंग नहीं होती है। जिसके चलते खाने का भी कोई निश्चित समय नहीं होता है। ऐसे में थाने के अंदर रसोइये का होना बेहद जरूरी होता है, जो स्टाफ को पौष्टिक खाना खिला सके। रोज बाहर का खाना खाने से शरीर पर गलत प्रभाव पड़ता है। कई बार खास अरेंजमेंट होते हैं तो दूसरे थानों का स्टाफ भी आता है तो उनके लिए भी खाने की व्यवस्था करनी होती है।
रसोइये को लेकर भी होता है खेल
पुलिस सूत्र ने यह भी बताया कि थानों में रसोइया न होने का कारण यह भी होता है कि थाने के नाम पर जो रसोइया मिला होता है, उसे किसी अफसर के पास लगा दिया जाता है। यह अफसर डीसीपी या उससे ऊपर की रैंक के होते हैं। अमूमन एक अफसर के पास एक नहीं, बल्कि 2-2 रसोइये भी रहते हैं। यही नहीं, जिन थानों में रसोइया होता भी है तो एसएचओ को निजी रसोइया रखना पड़ता है। हालांकि आधिकारिक रूप से यह कोई पद नहीं होता है। सूत्र ने दावा किया कि अगर एसएचओ यह निजी रसोइया न रखे तो थाने का सरकारी रसोइया काम ज्यादा होने के चलते थाने से कहीं और ट्रांसफर करवा लेता है।
तो क्या इसलिए खाली हैं पद?
बताया गया है कि दिल्ली पुलिस में रसोइये की भर्ती एमटीएस (मल्टी टॉस्किंग स्टाफ) के तहत होती है। लेकिन पिछले करीब 2 साल से इस पर कोई भर्ती नहीं हुई है। इन 2 वर्षों में कुछ कर्मचारी रिटायर्ड भी हो गए हैं, जिसके चलते अब इतनी संख्या में पद खाली हो गए हैं।
कितने थानों में नहीं है रसोइये
आउटर-4, साउथ-वेस्ट- 6, ईस्ट- 5, द्वारका- 8, वेस्ट- 2, नॉर्थ-वेस्ट- 5, शाहदरा- 4, साउथ- 9, नॉर्थ- 7, नॉर्थ-ईस्ट- 4, सेंट्रल- 5, आईजीआई एयरपोर्ट- 2, मेट्रो- 15, रेलवे- 7, जबकि *रोहिणी, नई दिल्ली, आउट-नॉर्थ और साउथ ईस्ट जिले ने आंकड़े नहीं दिए।