Monday, November 11, 2024
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दिल्ली को थार मरुस्थल बनाना चाहते हैं तो शपथपत्र दें: हाईकोर्ट

डीसीएफ को लगाई फटकार

नई दिल्ली।

दक्षिणी रिज में सड़क बनाने के लिए पेड़ों को काटे जाने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट का कहना है कि अगर प्रशासन दिल्ली को थार रेगिस्तान बनाना चाहता है, तो उन्हें लिखित में इसकी जानकारी देनी चाहिए। जस्टिस जसमीत सिंह ने इसको दुखद बताते हुए कहा कि अगर प्रशासन रिज के संरक्षण के लिए अदालत के आदेशों का पालन नहीं करता है, तो उन्हें बस ‘लोगों के लिए दुख होगा।’ हाईकोर्ट पेड़ों को काटने की अनुमति देने वाले आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पिछले साल अदालत ने आदेश दिया था कि दिल्ली में पेड़ों को काटने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।

दिल्ली में कोई पेड़ नहीं होना चाहिए, मैं इसे रिकॉर्ड कर लूंगा’….

सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील आदित्य एन प्रसाद ने कहा कि दिल्ली सरकार की अधिसूचना के बाद, कई पेड़ों को काट दिया गया है। जस्टिस सिंह ने वर्चुअली मौजूद उप वन संरक्षक (डीसीएफ) को फटकार लगाते हुए कहा, ‘आप यहां आते हैं और कहते हैं कि नुकसान पहले ही हो चुका है। आपको नहीं पता कि पेड़ कब काटे गए हैं। क्या हो रहा है? आपके पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं, आप दिल्ली के लोगों की बिल्कुल परवाह नहीं करते हैं। आप इसे थार का रेगिस्तान बनाना चाहते हैं, तो कहिए। एक हलफनामे में यह लिखें कि दिल्ली में कोई पेड़ नहीं होना चाहिए, मैं इसे रिकॉर्ड कर लूंगा।’ जस्टिस ने कहा, ‘यह चौंकाने वाली बात है कि आपके सरकारी वकील ने, आदेश पर, कहा कि एक भी पेड़ नहीं काटा गया है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है।’

सरकारी वकील ने ये दी दलील

डीसीएफ का कहना है कि वन विभाग ने इस मामले में पेड़ काटने की कोई अनुमति नहीं दी है। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि कानून सरकार को पेड़ काटने की पूर्व अनुमति की आवश्यकता वाले कानूनी प्रावधानों से एक क्षेत्र को छूट देने की अनुमति देता है, जो कि अधिसूचना का आधार था। हाईकोर्ट ने डीसीएफ से कहा कि वह उनके कार्यालय को बंद कर देगा, क्योंकि ऐसा लगता है कि पेड़ों के संरक्षण संबंधी कानून को लागू करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा, ‘क्या मतलब है? अगर आप कागजी शेर हैं, तो आप अपना कार्यालय बंद ही कर दें। मैं इसे आज ही बंद कर दूंगा…मेरे ख्याल से, अकेले आप लोग दिल्ली वालों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं।’

Imran Khan
Imran Khan
[Imran] has spent over [X] years in the media industry, honing [his/her/their] craft in political analysis. At Notdnews, [he] are committed to delivering in-depth coverage that resonates with readers and sparks meaningful conversations.
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