नई दिल्ली।
मेट्रो में यात्रियों को साफ, आरामदायक और सुविधाजनक सफर मिलता है। मगर यहां कुछ लोग अपने गलत मकसद को पूरा करने भी आते हैं। चोरों और जेबकतरों के लिए मेट्रो ट्रेनें और स्टेशन एक ओपन फील्ड है, जहां वे लोगों को आसानी से अपना शिकार बना सकते हैं।
मेट्रो में चोरी की बढ़ती घटनाओं के बीच दिल्ली पुलिस ने एक क्राइम मैपिंग एक्सरसाइज की है। जिससे पता चला है कि ऐसे कई स्टेशन हैं जहां यात्री विशेष रूप से संवेदनशील हैं। यहां अतिरिक्त सावधानी बरतने से हजारों दिल्लीवासियों को अफसोस और मायूसी से बचाया जा सकता है। पुलिस ने 29 मेट्रो स्टेशनों पर कड़ी निगरानी करनी शुरू कर दी है जहां सबसे अधिक अपराध होते हैं। वारदातों पर रोक लगाने के लिए यहां सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं। पिछले साल इन क्राइम हॉटस्पॉट पर 3,000 से अधिक वारदातों की पुलिस को सूचना मिली थी।
पुलिस के मुताबिक, जिन स्टेशनों पर यात्रियों को अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है उनमें- वेलकम, कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, नई दिल्ली, अशोक पार्क मेन, पंजाबी बाग, कीर्ति नगर, करोल बाग, राजीव चौक, इंद्रलोक, जीटीबी नगर, जहांगीरपुरी, द्वारका मोड़, जनकपुरी पश्चिम, नई दिल्ली एयरपोर्ट लाइन, द्वारका सेक्टर-21, हौज खास, छतरपुर, कुतुब मीनार, आईएनए, सरोजिनी नगर, सराय काले खान निजामुद्दीन, लाजपत नगर, गोविंदपुरी, कालकाजी मंदिर, आनंद विहार, यमुना बैंक, मंडी हाउस और लाल किला स्टेशन शामिल हैं।
2023 में कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पहले नंबर पर रहा। यहां सबसे अधिक 1,003 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद राजीव चौक (418) और नई दिल्ली (385) का स्थान रहा। पुलिस के मुताबिक स्टेशन परिसर में ज्यादातर अपराध चोरी, जेबकतरी और वाहन चोरी के थे। 2022 में इन 29 स्टेशनों से 1,811 मामले सामने आए थे। पिछले साल सभी स्टेशनों पर कुल मिलाकर 5,709 चोरी की घटनाएं दर्ज की गईं। जिनमें 599 गिरफ्तारियां हुईं और 2,407 मामले सुलझाए गए। पिछले साल रिपोर्ट की गई 113 वाहन चोरी में से 96 को सुलझा लिया गया। छेड़छाड़ के 22 मामलों में से 21 को सुलझाया गया और 24 लोगों को अरेस्ट किया गया। डीसीपी (मेट्रो) राम गोपाल नाइक मेट्रो स्टेशनों पर बेहतर स्थितियों को लेकर आशावादी है, उन्होंने क्राइम हॉटस्पॉट की पहचान की और वहां अपराध रोकने के लिए कदम उठाए।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, मेट्रो पुलिस यूनिट के 15 स्टेशन हाउस अधिकारियों को उन स्टेशनों की पहचान करने का काम सौंपा गया था जहां आपराधिक घटनाएं होना आम बात थी। इसके अलावा यहां होने वाले अपराधों को वर्गीकृत करना था। इस तरह की मैपिंग एक्सरसाइज से हमें संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलती है, जिसके जरिए हम अपराध पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।