नई दिल्ली।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा से निलंबित भाजपा के सात विधायकों की याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायकों से पूछा कि क्या वे एलजी से माफी मांगने को तैयार हैं। इन सातों विधायकों को एलजी के अभिभाषण को बाधित करने के लिए सस्पेंड किया गया था। विधानसभा के तरफ से पेश सीनियर वकील ने जब कहा कि सांसद राघव चड्ढा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाया गया था तो जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने निलंबित विधायकों की ओर से पेश सीनियर वकील से इस पहलू पर निर्देश लेने को कहा।
एलजी के पद की गरिमा का मामला
विधानसभा की ओर से सीनियर वकील सुधीर नंदराजोग ने कहा कि यह मामला राजनीतिक नहीं है और इसमें एलजी के पद की गरिमा शामिल है। उन्होंने कहा, ‘मैंने विधानसभा अध्यक्ष से बात की। उन्होंने राघव चड्ढा के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनाए गए तरीके का भी सुझाव दिया। अगर सदस्य आएं और अध्यक्ष से मिलें तथा एलजी से माफी मांगें, तो पूरी बात रखी जा सकती है।’
विधायक एलजी से माफी मांगने को तैयार
विधायकों की ओर से पेश सीनियर वकील जयंत मेहता ने कहा कि एलजी से माफी मांगने में कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में निर्देशों के साथ वापस आने को कहा।
भाजपा के सात विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल बाजपेयी, जितेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता ने एलजी के अभिभाषण को बाधित करने के लिए विधानसभा से अपने अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देते हुए सोमवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एलजी जब 15 फरवरी को अपने अभिभाषण में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित कर रहे थे तो उस दौरान भाजपा विधायकों ने कई बार बाधा डाली।