नई दिल्ली।
दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कथित तौर पर हंगामा कर बाधा डालने के आरोप में 7 भाजपा विधायकों को शेष सत्र कीकार्यवाही से सस्पेंड किए जाने का मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। भाजपा विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया है।
जानकारी के अनुसार, उपराज्यपाल के अभिभाषण में बाधा डालने को लेकर भाजपा के सात विधायकों- विजेंद्र गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी और जीतेंद्र महाजन को शुक्रवार 16 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की शेष अवधि के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने व्यवधान का मामला विशेषाधिकार समिति को भेज दिया था।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 62 विधायक और विपक्षी दल भाजपा के सिर्फ 8 विधायक हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एकमात्र ऐसे विधायक हैं जिन्हें सस्पेंड नहीं किया गया, क्योंकि एलजी के अभिभाषण के विरोध में वह सदन से वॉकआउट कर गए थे, जबकि अन्य भाजपा विधायकों ने कथित तौर पर अभिभाषण के दौरान हंगामा कर विरोध किया।
एक रिपोर्ट के अनुसार नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) लोकतंत्र की ‘हत्या’ कर रही है और सदन में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के विधायकों ने गुरुवार को एलजी के अभिभाषण के दौरान कई बार व्यवधान डाला था क्योंकि वे विभिन्न मुद्दों पर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को निशाना बनाना चाहते थे।
‘आप’ के विधायक दिलीप पांडे ने इस मुद्दे पर भाजपा विधायकों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। पांडे ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार को योजनाबद्ध तरीके से उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित किया, जिससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व और दुर्भाग्यपूर्ण था।
समिति की रिपोर्ट आने तक नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को छोड़कर भाजपा के सात सदस्यों को सदन की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद स्पीकर राम निवास गोयल ने मार्शलों को सात विधायकों को सदन से बाहर ले जाने को कहा था। नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी विरोध जताते हुए सदन से बाहर चले गए। बजट को अंतिम रूप देने में देरी के कारण दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र मार्च के पहले सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है।