20 मार्च को होगी अगली सुनवाई
नई दिल्ली।
साकेत कोर्ट ने एक दीवानी मामले में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने वाले ऐप जोमैटो को समन जारी किया है। इस दीवानी मामले में कंपनी को राष्ट्रीय राजधानी में ‘प्रतिष्ठित रेस्तरां’ से उपयोगकर्ताओं को ‘गर्म और प्रामाणिक भोजन’ मंगाने संबंधी सेवाओं को रोकने का आदेश देने की मांग की गई है। अदालत गुरुग्राम के निवासी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।
याचिका में दावा किया गया था कि जोमैटो अपनी उप-श्रेणी ‘‘दिल्ली के लीजेंड्स’ के तहत प्रसिद्ध रेस्तरां से ताजा भोजन मुहैया कराने की ‘झूठी और फर्जी’ सेवाओं को जारी रखे है। दीवानी न्यायाधीश उमेश कुमार ने मामले में जोमैटो को समन जारी किया है। अगली सुनवाई अब 20 मार्च को होगी।
याचिका में कहा गया था कि सौरव मल्ल की तरफ से साल 2023 की 24 अक्टूबर को जंगपुरा, कैलाश कॉलोनी और जामा मस्जिद के तीन अलग-अलग होटलों से एक ऑर्डर दिया था। इसके बाद उन्होंने डिलीवरी देने वाले को ट्रैक किया तो पाया कि ऑर्डर उन होटलों से नहीं लिया गया था, जिसके लिए उन्होंने ऑर्डर किया था। न ही उन होटलों की वहां कोई और ब्रांच थी। न ही खाना उस होटल की पैकिंग में दिया गया। इसको लेकर उन्होंने दावा किया है किसकी क्या गारंटी है कि खाना उसी होटल में तैयार किया गया है और खाना ताजा है।
याचिका में कहा गया कि यह कैसे हो सकता है कि जोमैटो 30 मिनट के अंदर दिल्ली के प्रतिष्ठित रेस्तरां से गुरुग्राम और नोएडा पर डिलीवरी कर सकता है। याचिका में कहा गया कि जोमैटो बड़े पैमाने पर जनता को धोखा दे रहा है। सौरव की याचिका पर अदालत ने समीक्षा के बाद जोमैटो को समन जारी किया है।
बता दें कि गुरुग्राम निवासी सौरव मल्ल ने जोमैटो ऐप के जरिए लीजेंड्स नाम की सब सर्विस से चार डिश मंगाई। ये डिश जामा मस्जिद से चिकन कबाब रोल, कैलाश कॉलोनी से ट्रिपल चॉकलेट चीजकेक, जंगपुरा से वेज सैंडविच और लखनऊ से गलौटी कबाब थे। दिलचस्प बात यह रही कि ये सभी ऑर्डर कंपनी ने आधे घंटे में ही मुहैया करा दिए। जबकि लखनऊ से गुरुग्राम तक आधे घंटे में किसी व्यक्ति का खुद ही पहुंचना संभव नहीं है। इसी को लेकर सौरभ ने मामला दायर किया।