नई दिल्ली।
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाना की पुलिस टीम ने तीन वांटेड एजेंट को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक हरियाणा बेस्ड है, जबकि दो दिल्ली के रहने वाले हैं। पुलिस को इन लोगों की तलाश इंटरनेशनल फर्जी वीजा मामले में थी। गुयाना जाने वाले एक शख्स को फर्जी वीजा उपलब्ध करवाकर लाखों का फर्जीवाड़ा किया था। शख्स को जयपुर एयरपोर्ट से अजरबैजान भेजा गया था। इसके बाद इस्तांबुल पहुंचने पर वहां पर रोक दिया गया और वापस से आईजीआई एयरपोर्ट डिपोर्ट कर दिया गया था।
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान उदित मोगा, सागर डबास और केवल सिंह के रूप में हुई है। यह सभी दिल्ली के जनकपुरी, लाडपुर और हरियाणा के कैथल के रहने वाले हैं। यह लोग विदेश में कम कीमत पर भेजने का लालच देकर उन्हें पासपोर्ट और वीजा उपलब्ध कराने का झांसा देते हैं। कम कीमत का लालच देकर लोगों को अपने तरफ खींचते हैं और फिर उन्हें बेवकूफ बनाकर लाखों की ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। जिस मामले में इन्हें पकड़ा गया उसमें इन्होंने गुयाना का वीजा उपलब्ध कराया था।
पुलिस के अनुसार लगभग डेढ़ साल पहले 19 नवंबर 2022 को तीन भारतीय नागरिक गुरमीत सिंह, साहिल कुमार और विक्रम सिंह को इस्तांबुल से आईजीआई एयरपोर्ट पर वापस डिपोर्ट किया गया था। यहां पर जब पूछताछ हुई तो पता चला कि यह लोग अलग-अलग डेट में अजरबैजान के लिए निकले थे। जिसमें से हरियाणा के एक गांव का रहने वाला साहिल जयपुर से रवाना हुआ था। उसने पुलिस को बताया की जैसे ही इस्तांबुल पहुंचा, तो वहां पर रोक दिया गया क्योंकि जांच में वीजा वहां पर फेक पाया गया।
साहिल से हुई पूछताछ के मामले में पुलिस टीम ने अलग छानबीन शुरू की थी। पता चला कि वह गांव के रहने वाले केवल के संपर्क में आकर ज्यादा पैसा कमाने के लालच में एजेंट के झांसे में आ गया। केवल हरियाणा का ही रहने वाला था। उसने अपने सहयोगी दिल्ली के एजेंट के साथ साहिल की मुलाकात कराई थी। उस मामले में एसीपी वीरेंद्र मोर की देखरेख में एसएचओ बिजेंदर राणा, सब इंस्पेक्टर सरोज और एएसआई ओमप्रकाश की टीम छानबीन कर रही थी। फिर इस मामले में इन तीन फरार एजेंट को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई।
पता चला कि उदित मोगा एमसीए की पढ़ाई कर चुका है और यह महिपालपुर में ट्रेवल्स की कंपनी चलाता है। वह पहले मनी एक्सचेंज का काम करता था। इस दौरान उसकी मुलाकात केवल सिंह और सागर से हो गई और उसके बाद इन लोगों ने फिर लोगों को विदेश भेजने का काम शुरु कर दिया।