
नई दिल्ली।
दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) में शामिल होने वाले 371 नए अग्निशामकों में शामिल स्नातकोत्तर, बीएड, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग डिग्री धारक शामिल हैं। इनमें 47 स्नातक डिग्री धारक, 30 बीएड धारक, 15 पॉलीटेक्निक से और 13 इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले है।
नए अग्निशामकों को अपने नामित अग्निशमन केंद्रों में शामिल होने से पहले विभिन्न केंद्रों पर 6 महीने के प्रशिक्षण से गुजरना होगा। उन्हें पिछले पांच वर्षों में अग्निशमन विभाग द्वारा आयोजित सबसे बड़े भर्ती अभियानों में से एक के माध्यम से भर्ती किया गया था। नई भर्तियों में 153 बीए स्नातक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) पाठ्यक्रम पूरा करने वाले 44 व्यक्ति और 24 बीएसई स्नातक शामिल हैं। विभाग के अनुसार, इनमें से कुछ के पास एमबीए, बीसीए, मास कम्युनिकेशन और एलएलबी की डिग्री हैं।
इस तरह दिया जाएगा प्रशिक्षण
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नए भर्ती हुए उम्मीदवारों के लिए प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार की है। प्रशिक्षण की शुरुआत विभाग के विषय में परिचयात्मक कक्षाओं से होगी। इसके बाद आग के पीछे की साइंस और इसके कारण बनने वाले तत्वों के बारे में गहराई से जानकारी दी जाएगी। नए उम्मीदवार यह सीखेंगे कि बंद संरचनाओं को कैसे तोड़ना है और नए फायरफाइटिंग उपकरण में महारत कैसे हासिल करनी है। प्रशिक्षण के दौरान मुख्य रूप से घरों में लगने वाली आग पर विशेष ध्यान रहेगा। इन उम्मीदवारों को दिल्ली फायर सर्विस के नरेला केंद्र पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नई भर्ती वालों का कहना
नई भर्ती में शामिल 29 वर्षीय दीपक यादव एमसीए डिग्री धारक हैं। दीपक का कहना है कि वर्तमान में नजफगढ़ फायर स्टेशन में तैनात उनके चाचा मदन सिंह ने उन्हें विभाग में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। यादव ने पहले एक निजी फर्म में वरिष्ठ कार्यकारी के रूप में काम किया और बच्चों को पढ़ाया भी। उसे अग्निशमन का काम साहसिक लगता है और वह अपने पहले आपरेशन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बीटेक डिग्री धारी 28 वर्षीय चिराग का कहना है कि अग्निशमन का कार्य उनके लिए एक चुनौती होगी जिसके लिए वह उत्साहित हैं। एक अन्य फायरफाइटर का कहना है कि वह उच्च-स्तरीय डीएफएस परीक्षाओं को क्रैक करने की भी योजना बना रहा है। वह इस नौकरी के माध्यम से समाज की सेवा करना चाहते थे।
अब तक का सबसे बड़ा और योग्य बैच
डीएफएस निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि इन भर्तियों से विभाग की क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी। यह डीएफएस द्वारा भर्ती किया गया अब तक का सबसे बड़ा और सबसे योग्य बैच है। हालांकि गैर-शैक्षणिक पृष्ठभूमि विभाग के अंदर आपात स्थिति का जवाब देने और नई प्रौद्योगिकियों को लागू करने दोनो में उनकी शैक्षिक योग्यता अमूल्य साबित होगी। बता दें कि विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि डीएफएस को पिछले साल आग से संबंधित 15,610 कॉल प्राप्त हुईं। जबकि कुल 59 लोगों की मौत हो गई, 68 को बचा लिया गया।