सभी घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल आएगा जीरो
नई दिल्ली।
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई सोलर पॉलिसी का ऐलान करते हुए दावा किया कि इस पॉलिसी के लागू होने के बाद सभी घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली का बिल जीरो आएगा, जबकि कमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं का बिजली का बिल भी आधा हो जाएगा। सरकार न केवल रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी देगी, बल्कि पावर जेनरेशन के बदले में लोगों को इंसेंटिव भी मिलेगा, जिससे हर महीने कुछ न कुछ कमाई भी होती रहेगी। इससे महंगाई दर में कमी आएगी और वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।
दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम ने दिल्ली सोलर पॉलिसी 2024 जारी की है। इस दौरान दिल्ली सरकार की उर्जा मंत्री आतिशी और डायलॉग एंड डिवेलपमेंट कमीशन, दिल्ली (डीडीसीडी) के वाइस चेयरमैन जस्मीन शाह भी मौजूद थे। सीएम ने बताया कि पिछले हफ्ते कैबिनेट ने इस पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगा, जिसके बाद लोग इस पॉलिसी के तहत सोलर प्लांट लगवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए वेब पोर्टल भी डिवेलप किया जा रहा है, जो महीने भर के अंदर काम करना शुरू कर देगा।
25 साल तक मिलेगी फ्री बिजली
सीएम ने उम्मीद जताई कि इस पॉलिसी के लागू होने के बाद 2027 तक दिल्ली में 4500 मेगावॉट सोलर पावर जेनरेट करने की क्षमता स्थापित हो जाएगी। इसमें से 750 मेगावॉट क्षमता के सोलर पैनल छतों पर लगाए जाएंगे, जबकि 3750 मेगावॉट सोलर पावर डिस्कॉम्स बाहर से खरीदेंगी। इस तरह तीन साल में दिल्ली की सोलर पावर क्षमता बढ़कर तीन गुनी हो जाएगी। क्योंकि सोलर पैनल कम से कम 25 साल चलते हैं, इसलिए सोलर पैनल लगवाने के बाद 25 साल तक बिजली फ्री रहेगी।
किस तरह फायदा देगी यह पॉलिसी?
इस पॉलिसी के तहत जो लोग सोलर पैनल लगवाएंगे, उन्हें सरकार कई तरह की सब्सिडी देगी। अभी 200 यूनिट बिजली मुफ्त है, लेकिन जिस घर में 360 यूनिट बिजली इस्तेमाल होती है, वो घर 201 से 401 यूनिट वाले स्लैब में आता है। ऐसे लोगों को बिजली का आधा बिल देना पड़ता है। ऐसे उपभोक्ता अगर दो किलोवॉट का रूफ टॉप सोलर पैनल लगवाएंगे, तो उस पर कुल 90 हजार रुपये का खर्चा आएगा, जिसके बाद उपभोक्ता का बिजली का बिल जीरो आने लगेगा और उनके हर महीने 1370 रुपये बचने लगेंगे। इसके अलावा दिल्ली सरकार हर महीने 700 रुपये पावर जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव अलग से देगी। दोनों को मिला लें, तो हर महीने उपभोक्ता को करीब 2000 रुपये की बचत होगी। इस तरह साल भर में 24 हजार रुपये बचेंगे और 4 साल में 90 हजार रुपये का निवेश रिकवर हो जाएगा। प्रत्येक उपभोक्ता को पांच साल तक जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव मिलेगा।