तीन युवक और एक महिला को किया गया है गिरफ्तार
नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस ने AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से 14 दिन पहले मिली एक लाश की पहचान की और फिर उसके हत्यारों तक पहुंच कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मृतक की पहचान छावला इलाके के हितेंद्र के रूप में हुई है। जिसकी पहचान के बाद ही पुलिस को आगे के सुराग मिले और वह हत्यारों तक पहुंच सकी। मामला उत्तरी दिल्ली का है।
10 जनवरी को दिल्ली पुलिस को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे एक युवक का शव मिला। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को पता चला कि हत्या गला दबाकर की गई है लेकिन बॉडी के पास से ऐसा कोई भी निशान या पहचान पत्र नहीं मिला जिससे उसकी पहचान हो सके। पुलिस समझ चुकी थी कि कातिल ने बेहद शातिर तरीके से लाश को ठिकाने लगाने के लिए गीता कॉलोनी के फ्लाई ओवर के नीचे का इलाका खोजा था।
अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या शव के पहचान की थी, लेकिन चेहरा इस हालत में नहीं था कि उसकी फोटो देखकर कोई आसानी से उसे पहचान सके। इसके लिए उत्तरी दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली। AI की मदद से पुलिस ने लाश के चेहरे को कुछ इस तरीके से दिखाया कि जब उसकी आंखें खुली हो या वह ठीक हालत में होगा तो कैसा दिखता होगा। इस कवायद के बाद उस तस्वीर के पुलिस ने पोस्टर बनवाए। जिसके बाद उस फोटो को सभी थानों और वाट्सऐप पर साझा किया गया। छावला थाना इलाके में भी पोस्टर लगाए गए। इसके बाद दिल्ली पुलिस को मृतक हितेंद्र के भाई का कॉल आया। और उसने मृतक की पहचान की।
ऐसे पकड़े गए कातिल
पुलिस ने शव की पहचान होने के बाद जांच को आगे बढ़ाया। थाना कोतवाली में पहले ही हत्या का केस दर्ज कर लिया गया था। हितेंद्र के प्रोफाइल की जांच की गई। उसके आस-पास के लोगों से पूछताछ की गई। पुलिस को इस जांच में पता चला कि हितेंद्र का किसी बात को लेकर तीन युवकों से झगड़ा हुआ था। पुलिस ने उन युवकों की लोकेशन निकाली और दूसरे सुराग जुटाए तो पता चला कि तीनों ने हितेंद्र की गला दबाकर हत्या की थी और लाश को ठिकाने लगा दिया था। पुलिस ने इस मामले में एक महिला को भी सुराग छुपाने के चलते गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुलिस मामले की आगे की कार्रवाई कर रही है।