विकसित भारत की थीम पर तैयार बजट, पर्यावरण, स्वच्छता और तकनीक पर जोर
दिल्लीवासियों को 24 घंटे बिजली-पानी, 9वीं और 11वीं के बच्चों को मिलेंगे टैबलेट
नई दिल्ली।
एनडीएमसी चेयरमैन अमित यादव ने काउंसिल की बैठक में साल 2023-24 के लिए 4,568.21 करोड़ रुपये के खर्च अनुमान की तुलना में 4,829.36 करोड़ रुपये के संशोधित बजट अनुमान पेश किए। साल 2024-25 के लिए 5,069.63 की आय और 4,888.93 करोड़ रुपये के खर्च की उम्मीद जताई। यह पहला मौका है कि एनडीएमसी का बजट अनुमान पांच हजार करोड़ या उससे अधिक पहुंचा है। बजट को साल 2047 के अनुरूप विकसित भारत की संकल्पना के साथ पेश किया गया है। इसमें शिक्षा का स्तर सुधारने और पर्यावरण के लिए कदम उठाने पर जोर देने की बात कही गई है।
बजट पेश करने के बाद एनडीएमसी चेयरमैन अमित यादव ने बताया कि विकसित भारत @2047 विषय पर बजट को फोकस रखा गया है। इसमें प्रॉपर्टी टैक्स से राजस्व को बढ़ाने के लिए डिफॉल्टर संपत्ति मालिकों की रियलटाइम निगरानी के लिए जियो टैंगिग करने के साथ ही रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को 10 करोड़ रुपये का फंड देने का फैसला लिया गया है। इसके तहत आरडब्ल्यूए और मार्केट असोसिएशन की पहल को बढ़ावा दिया जाएगा। एनडीएमसी ने रेन वॉटर हारवेस्टिंग पर भी जोर देने की बात कही है। साथ ही कुशक नाले के पानी को ट्रीट करने के बाद ही यमुना में डाला जाएगा। नाले के ट्रीट किए गए पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए किया जाएगा।
शिक्षा पर एनडीएमसी 285 करोड़ व पानी पर 256 करोड़ खर्च करेगी। इस बार 9वीं व 11वीं के बच्चों को भी टैबलेट मिलेगा। अभी तक यह सुविधा 10वीं व 12वीं के बच्चों के लिए थी। साथ ही स्कूलों में खेल सुविधाओं का विस्तार होगा। एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि हरियाली बढ़ाकर प्रदूषण से निपटा जाएगा। स्मॉग गन एवं मैकेनिकल रोड स्वीपरों की संख्या बढ़ेगी। 5वीं कक्षा के स्कूलों को बैगलैस किया जाएगा। बच्चों को घर से न तो किताबें लाने की जरूरत है और न ही पानी की बोतल। स्कूलों में आरओ का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इसी तरह से बच्चों को घर से टिफिन लाने की जरूरत नहीं होगी।
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कर्मचारियों को मिलेंगी ई-बाइक
एनडीएमसी के अनुसार कर्मचारियों अभी चार टायर वाली गाड़ियों का शिकायत निवारण के लिए इस्तेमाल करते हैं। हमारी योजना है कि अपने कर्मियों को ई-बाइक देंगे। इससे शिकायत निवारण के लिए कर्मियों के पहुंचने वाला समय भी कम होगा। अभी एक शिकायत के लिए एक गाड़ी, एक ड्राइवर, हेल्पर और तकनीक विशेषज्ञ जाता है। ऐसे में चार लोगों की बजाय सीधे दो लोग ही बाइक से जाएंगे तो समय भी कम लगेगा और संसाधन भी कम लगेंगे। अधिकारी के अनुसार ई-बाइक व्यवस्था को लागू करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो गई है। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार को भेजा 556 करोड़ का प्लान
लुटियंस दिल्ली का सीवरेज सिस्टम करीब 90 वर्ष पुराना है। इस सीवरेज सिस्टम को जरुरत के हिसाब से बदलने के लिए 556 करोड़ की परियोजनाएं केंद्रीय शहरी विकास विभाग को भेजी है। एनडीएमसी की योजना है कि इस सीवरेज सिस्टम को बदलकर नया किया जाए। ताकि यह वर्ष 2047 के अनुरूप तैयार हो सके। साथ ही जलभराव की समस्या न हो और जल निकासी प्रणाली भी बेहतर हो सके। एनडीएमसी को उम्मीद है कि शहरी विकास विभाग से मंजूरी मिली तो एनडीएमसी इस योजना को वित्त वर्ष 2024-25 में ही कार्यन्वयन शुरू कर देगा।
हर वर्ष हुआ करेगा ट्यूलिप फेस्टिवल
एनडीएमसी ने जी 20 के मद्देनजर 2023 में ट्यूलिप फेस्टिवल शुरू किया था उसे अगले वर्ष भी जारी रखा जाएगा। खास बात यह होगी आने वाले हर वर्ष में यह फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा। एनडीएमसी चेयरमैन ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने और दिल्ली को सुंदर दिखाने पर हमारा जोर है। पर्यावरण के मद्देनजर 50 लाख पौधे और झाड़िया पूरी दिल्ली में लगाए गए उसमें से 33.50 लाख झाड़ी और पौधे अकेले एनडीएमसी ने लगाए। उन्होंने कहा दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर दिखाने के लिए एनडीएमसी दो लाख ट्यूलिप लगाए हैं। साथ ही हम स्वयं ही ट्यूलिप बल्ब विकसित कर रहे हैं ताकि विदेश से आयात होने पर रोक लगाई जा सके।