नई दिल्ली।
एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सीनियर स्तर पर कार्यरत महिला से साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। कस्टम में रुका पार्सल और मुंबई पुलिस के अफसरों की पूछताछ वाला अंदाज तो पुराना था लेकिन पीड़िता के बैंक अकाउंट की रकम अवैध होने का शक और उसे वेरीफाई के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) भेजने का पैंतरा नया था। इसके जरिए पीड़िता से 10 लाख 75 हजार 757 रुपए की ठगी की गई। दहशत में आई पीड़िता ने लंबे वक्त तक बात छिपाए रखी। अब ईस्ट जिला साइबर थाने में शिकायत दी, जिस पर सोमवार को केस दर्ज हो गया है।
पुलिस अफसरों ने बताया कि पीड़िता 54 साल की महिला परिवार के साथ मयूर विहार फेस- में रहती हैं। नोएडा स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सीनियर पोस्ट पर हैं। वो 11 सितंबर 2023 को घर में थी। दोपहर 1:30 बजे कॉल आया। इंटरनेशनल कुरियर कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए कहने लगा कि आपके नाम से भेजे जा रहा एक पार्सल कस्टम में रुक गया है। थोड़ी देर में वॉट्सऐप कॉल आया, जो बताने लगा कि ये पार्सल मुंबई से ताइवान भेजा जा रहा था। इसमें ड्रग्स समेत कई अवैध चीजें हैं।
इसके बाद कॉलर कहने लगा कि पार्सल आपका नहीं है तो घबराएं नहीं। मुंबई साइबर सेल को कॉल ट्रांसफर किया जा रहा है, जहां से आप पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट ले लें। कॉल ट्रांसफर हुई तो दूसरी तरफ से एक महिला एसीपी साइबर अंधेरी पुलिस स्टेशन बताते हुए वीडियो कॉल के जरिए अपने डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई कराने को कहने लगी। पीड़िता ने पहचान साबित करने को कहा तो दूसरी तरफ से वॉट्सऐप पर पुलिस का आई-कार्ड भेज दिया। पीड़िता को भरोसा हुआ तो अपना आधार कार्ड और पेन कार्ड दिखा दिए।
थोड़ी देर में कुछ फोटो भेज पहचान पूछी तो पीड़िता ने इनकार कर दिया। अब डीसीपी को कॉल ट्रांसफर करने का दावा किया। एक शख्स ने डीसीपी साइबर सेल मुंबई बताते हुए महिला के खाते में अवैध रकम होने का शक जाहिर किया। ऐसे में जिस बैंक अकाउंट सबसे ज्यादा रकम है, उसे आरबीआई से वेरिफाई कराने को कहने लगा। दावा किया कि आधे घंटे में ये रकम रिफंड हो जाएगी। महिला को शक नहीं हो, इसलिए वॉट्सऐप पर आरबीआई का एक लेटर भी भेजा। पीड़िता घबरा गई, जिसने 10,75, 757 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
साइबर टिप्स…
- इस तरह के फोन या वॉट्सऐप कॉल को नजरअंदाज करें।
- आपने कोई पार्सल ही नहीं भेजा है तो कतई घबराएं नहीं।
- बात पैसा ट्रांसफर करने तक पहुंच गई, तो समझो फ्रॉड है।
- आपके साथ ठगी हो गई है तो तुरंत 1930 पर कॉल करें।
- www.cybercrime.gov.in साइट पर शिकायत दर्ज कराएं।