नई दिल्ली।
दिल्ली मंडल में 31 अक्टूबर तक 2.59 लाख यात्रियों को बिना टिकट सफर करते पकड़ा गया है। इसमें सबसे अधिक दिल्ली से पानीपत और गाजियाबाद रूट पर पकड़े गए हैं। इनसे 14.14 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।
अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली से रोहतक, बठिंडा, दिल्ली से रेवाड़ी, दिल्ली से गाजियाबाद, दिल्ली से पानीपत, दिल्ली से सहारनपुर, दिल्ली शाहदरा टपरी और दिल्ली-शामली समेत सैकड़ों ट्रेनें चलती हैं, जिनमें रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं। लोकल एएमयू ट्रेनों में नियमित सफर करने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा रहती है। इनमें बिना टिकट के यात्रा करने वालों की संख्या काफी रहती है, जो सुबह और शाम को सफर करते हैं। इस वर्ष ढाई लाख से अधिक यात्री बिना टिकट के पकड़े गए हैं। औसतन देखा जाए तो रोज 854 यात्री बिना टिकट के पकड़े जा रहे हैं।
आरपीएफ की वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त प्रियंका शर्मा ने बताया कि ज्यादातर शटल (कम दूरी के लिए चलने वाली लोकल) ट्रेनों में यात्री बिना टिकट सफर करते हैं। बिना टिकट यात्रा करने से यात्रियों को रोकने के लिए वाणिज्य विभाग के साथ मिलकर जांच अभियान चलाया जाता है। ट्रेनों के अंदर व रेलवे स्टेशनों पर यह अभियान चलाया जाता है। वर्ष 2022 के मुकाबले इस वर्ष 31 अक्तूबर तक बिना टिकट यात्रा करने वालों की संख्या दिल्ली मंडल में 47.83 प्रतिशत कम हुई है। इस साल दिसंबर के अंत तक यह आंकड़ा करीब 45 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। वर्ष 2020 से वर्ष 2023 तक बिना टिकट पकड़े गए किसी भी यात्री को जेल नहीं हुई। सभी से जुर्माना वसूला गया है।
100 फीसदी छूटा सामान वापस करने में कामयाब रही आरपीएफ
दिल्ली मंडल में यात्रियों का इस वर्ष छूटा सामान वापस करने में आरपीएफ 100 प्रतिशत कामयाब रही है। इस वर्ष 31 अक्तूबर तक 1312 यात्रियों का विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर सामान छूटा है। इन सभी को उनका सामान सही सलामत वापस मिल चुका है। 2020 से वर्ष 2023 तक 2978 यात्रियों का सामान दिल्ली मंडल के विभिन्न स्टेशनों और ट्रेनों में छूटा, जिसमें से 2869 को सामान वापस कराया गया, जबकि 109 सामान के मालिक सामने नहीं आने पर उसे रेलवे के लॉस्ट प्रॉपर्टी ऑफिस में जमा कराया गया है।