नई दिल्ली।
न्यू उस्मानपुर स्थित जगप्रवेश चंद्र अस्पताल परिसर में घर के भीतर ही सीकर, राजस्थान निवासी 37वर्षीय नर्सिंग स्टाफ रामजी लाल कुमावत की हत्या कर दी गई। मंगलवार सुबह पत्नी जब सोकर उठी तो पति को बाथरूम के सामने खून से लथपथ पाया। गले पर गहरे कट का निशान था। पति को अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस को शव के नजदीक ही वारदात में इस्तेमाल चाकू मिला। आशंका व्यक्त की जा रही है कि रामजी की हत्या में किसी करीबी का हाथ हो सकता है। पुलिस तमाम दृष्टिकोणों से मामले की जांच कर रही है। रामजी लाल की पत्नी सुधा कुमावत के अलावा बाकी परिजनों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाल रही है।
वारदात के समय रामजी की पत्नी सुधा और दोनों बच्चे घर में ही मौजूद थे। पुलिस उपायुक्त डॉ. जॉय टिर्की ने बताया कि मूलरूप से सीकर निवासी रामजी लाल कुमावत जगप्रवेश चंद्र अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत थे। वह अस्पताल परिसर के क्वार्टर नंबर-10, दूसरी मंजिल पर रहते थे। परिवार में पत्नी सुधा कुमावत के अलावा 11 और 8 साल के दो बच्चे हैं। करीब 12 साल पहले रामजी लाल और सुधा की शादी हुई थी। सुधा गौतमपुरी, सीलमपुर के स्कूल में वर्ष 2016 से अतिथि शिक्षिका हैं। कुछ दिनों से परिवार एक शादी में शामिल होने के लिए राजस्थान गया हुआ था। सोमवार देर रात 12:30 बजे परिवार दिल्ली पहुंचा था। दोनों ने बच्चों को कमरे में सुला दिया। इसके बाद करीब एक घंटा दोनों ने बैठकर बातचीत की। बाद में सो गए। इस बीच बुधवार सुबह करीब 6:05 बजे सुधा सोकर उठी तो बाथरूम के सामने पति को खून से लथपथ देखा। अस्पताल ले जाने पर पति को मृत घोषित कर दिया गया।
किसी करीबी पर हत्या का शक
पुलिस को सुधा ने बताया कि सुबह जब वह सोकर उठी तो दरवाजा अंदर से बंद था। पति बाथरूम के बाहर खून से लथपथ थे। शव के पास ही खून से सना चाकू पड़ा था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रामजी के आत्महत्या करने की गुंजाइश नहीं है। कोई करीबी हत्या में शामिल हो सकता है।