नई दिल्ली।
निजी स्कूलों में नर्सरी में दाखिला आवेदकों के अंक समान होने पर ड्रॉ के जरिये मिलेगा। अभिभावकों की मौजूदगी में स्कूल ड्रॉ निकालेंगे। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए स्कूल बॉक्स में ड्रॉ की पर्ची डालने से पहले अभिभावकों को दिखानी होगी। साथ ही इसकी वीडियोग्राफी भी होगी। इसकी सूचना स्कूल अपनी वेबसाइट पर डालने के साथ अभिभावकों को ई-मेल भी करेंगे। स्कूल प्रशासन को ड्रॉ निकालने की नियत तिथि से दो दिन पहले अभिभावकों को जानकारी देनी होगी।
शिक्षा निदेशालय ने इसके दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि दाखिला प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। अगर अभिभावकों को दाखिला संबंधित शिकायत करनी हो तो उनके लिए जिलों में निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। यह अभिभावकों की शिकायतों का निवारण करेंगे। दरअसल, शिक्षा निदेशालय ने दाखिला प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए जिलों के उप शिक्षा निदेशकों की अध्यक्षता में सभी जिलों में निगरानी प्रकोष्ठ बनाए हैं। यह सुनिश्चित करेंगे कि नर्सरी दाखिला सही तरीके से हो।
शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि उन्हें ड्रॉ की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करनी होगी। इसमें छात्र का चयन निष्पक्ष होकर किया गया है, इसका सबूत रहेगा। वहीं स्कूल को रिकॉर्ड और फुटेज का रखरखाव खुद करना होगा। निदेशालय ने परिपत्र जारी कर निर्देश दिया है कि स्कूल पारदर्शिता के साथ छात्र को दाखिला दें। ऐसा न करने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
डोनेशन लेने पर होगी कार्रवाई
अगर कोई स्कूल दाखिले के नाम पर डोनेशन वसूलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए निदेशालय ने निर्देश दिया है कि शिकायत मिलने पर स्कूल प्रबंधन की जांच की जाएगी। जांच सिद्ध होने पर स्कूल प्रबंधन को कैपिटेशन फीस का 10 गुना जुर्माना देना होगा। वहीं अभिभावक इसकी शिकायत ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड से कर सकेंगे। ऑनलाइन शिकायत करने के लिए अभिभावकों को निदेशालय की वेबसाइट edudel.nic.in के ग्रीवांस रिड्रेसल सेल और मॉनिटरिंग सिस्टम हेड पर जाना होगा। इस पर अभिभावक दाखिला संबंधित किसी भी तरह की शिकायत कर सकेंगे। वहीं ऑफलाइन माध्यम से अपने जिले के डीडीई ऑफिस में जाकर शिकायत करनी होगी।
मानदंड के आधार पर मिलेगा दाखिला
सभी निजी स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर दाखिले के लिए मानदंड अपलोड किए हुए हैं। इसी आधार पर छात्र को अंक दिए जाएंगे। ज्यादातर स्कूलों ने दूरी को अहम मानक बनाया है। घर से स्कूल जितना नजदीक होगा, दाखिले की संभावना भी उतनी अधिक होगी। इसके अलावा सिबलिंग, एलुमनाई और फर्स्ट चाइल्ड सहित दूसरे पहलुओं को मापदंड में शामिल किया है।