नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस साइबर यूनिट ने डार्क वेब पर भारतीयों की निजी जानकारी बेचने के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डेटा बैंक से डेटा लीक हो गया और डार्क वेब पर बिक्री के लिए डाल दिया गया। इन सभी आरोपियों को 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था लेकिन इसका खुलासा अब किया गया है।
सभी आरोपियों को 3 अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। जिसमें एक-एक शख्स को हरियाणा, ओडिशा और 2 लोगों को झांसी से गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के मुताबिक ये लोग गेमिंग प्लेटफॉर्म पर मिले थे और जल्दी पैसा कमाने के लिए डेटा हैक करने का फैसला करते हुए डार्क वेब पर इसे बेचने के लिए डाल दिया। डार्क वेब एक ऐसी जगह है जहां पर इंटरनेट यूजर्स का डेटा अलग-अलग दामों पर बेचा जाता है।
डार्क वेब क्या है?
डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया का एक ऐसा हिस्सा, जहां तक सर्च इंजन नहीं पहुंच पाता है। इन्हें स्पेशल ब्राउजर से एक्सेस किया जाता है और इसका पोर्शन छोटा होता है। डार्क वेब को डीप वेब का हिस्सा माना जाता है। इस हिस्से तक कम लोगों की पहुंच होती है। यहां के वेब पेज को सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है। डार्क को बहुत की खतरनाक माना गया है। डार्क के वेब पर कई तरह अवैध काम होते हैं।