एसपी सहित केस से जुड़े सभी लोगों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का दिया आदेश
पुलिस प्रशासन को लगाई फटकार, अगली सुनवाई 15 दिसंबर को
पटना।
पटना हाईकोर्ट ने सीकेएम लॉ कॉलेज अरिया के प्रोफेसर विपिन किशोर मिश्रा के अपहरण के मामले में सुनवाई करते हुए पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई है। जस्टिस पीबी बैजन्त्री और जस्टिस आरसी मालवीय की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा, “राज्य से प्रोफेसर गायब हो रहे हैं, डॉक्टर गायब हो रहे हैं….कल जज भी गायब हो जाएंगे, ऐसे चलाएंगे राज्य में प्रशासन आप।” पीठ ने इस मामले में एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर व केस आईओ सहित गठित दो एसआईटी टीमों को अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है। पीठ ने अगली सुनवाई 15 दिसंबर के लिए तय की है।
बता दें कि इस मामले पर इसी बेंच ने दो हफ़्ते पहले सुनवाई की थी जब पुलिस को अदालत की तरफ से प्रोफेसर विपिन किशोर मिश्रा की बॉडी कोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया था। लेकिन दो हफ्ते बाद भी पुलिस की छानबीन केवल कागज़ों पर ही दिखी, जिससे अदालत पुलिस प्रशासन से काफी नाराज दिखी और पुलिस प्रशासन को फटकार लगाते हुए जांच में जुटे सभी अधिकारियों को अपने समक्ष पेश होने का आदेश जारी कर दिया।
बता दें कि 24 सितंबर 2022 को सीकेएम लॉ कॉलेज के प्रोफेसर विपिन किशोर मिश्रा का अपहरण उस वक्त हुआ था जब वे शाम में कॉलेज से हाजि़री बनाने के बाद निकले थे। विपिन मिश्रा सुपौल जिले के बीरपुर निवासी है। उनके अपहरण के बाद 25 सितंबर को उनकी पत्नी स्वर्गीय प्रेमलता मिश्रा ने बीरपुर से आकर अररिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आज इस मामले को एक साल से अधिक वक्त बीत चुका है लेकिन ये अपहरण की गुत्थी अभी भी सुलझ नहीं पाई है। फिलहाल पटना हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन से उसके समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है।