विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश
एक साल बाद भी प्रोफेसर का नहीं मिला है सुराग
पटना।
अररिया लॉ कॉलेज के प्रोफसर विपिन किशोर मिश्रा के अपहरण के एक साल बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पिछले वर्ष सितंबर में उनके अपहरण की प्राथिमकी दर्ज कराई गई थी। अगवा प्रोफेसर मिश्रा की बरामदगी के लिए उनकी पुत्री अंजली प्रिया ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बैजयंती और जस्टिस आरसी मालवीय की बेंच ने अररिया पुलिस प्रशासन को आड़े हाथों लिया और जिले के एसपी को 2 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
वकील संजीव कुमार ने बताया कि दायर याचिका के तहत राज्य सरकार के वकील ने अररिया के एसपी से इस आपराधिक घटना के मामले में रिपोर्ट मांगी थी। एसपी के मुताबिक घटना से संबंधित रिपोर्ट भेज दी गई थी। अब हाईकोर्ट में याचिका में सुनवाई के बाद बेंच ने एसपी को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। वकील संजीव कुमार ने बताया कि बेंच ने केस में एक साल से भी अधिक समय बीतने के चलते गहरी चिंता व्यक्त की और पुलिस के इस ढ़ीले रवैये पर फटकार भी लगाई। उन्होंने बताया कि बेंच ने गठित एसआईटी द्वारा उठाए गए प्रत्येक कदम का प्रत्येक मिनट के साथ विवरण विस्तृत हलफनामें में मांगा है। लाश को बरामद करने की पुलिस जांच के बारे में भी पूछा है।
बता दें कि लॉ कॉलेज के प्रोफेसर विपिन किशोर मिश्रा को अपराधियों ने 24 सितंबर 2022 को अगवा कर लिया था। मामले की चश्मदीद गवाह और विपिन मिश्रा की बहन निरुपमा ठाकुर के मुताबिक आरोपी प्रकाश मिश्रा 24 सितंबर को विपिन मिश्रा को शाम में निरुपमा के घर से ले गया जब विपिन मिश्रा ने कहा था कि- ‘मैं एक घंटे में आता हूं’ और उसके बाद से आज तक वो घर नहीं पहुँचे। बता दें की विपिन मिश्रा सुपौल ज़िला के बीरपुर निवासी हैं और वो 24 सितंबर को अपने भतीजे प्रकाश मिश्रा, उसके भाई राकेश मिश्रा और इन दोनों भाइयों के पिता भुवन मिश्रा के बार बार कॉल कर बुलाने पर बीरपुर से अररिया आए थे।
इस मामले में उनकी पत्नी प्रेमलता मिश्रा ने अररिया थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी। इस मामले में प्रोफेसर की पत्नी ने राकेश कुमार मिश्रा, प्रकाश कुमार मिश्रा, दीपक कुमार मिश्रा समेत अन्य पर पति के अपहरण का शक जताया था।मामले में प्रकाश मिश्रा, राकेश मिश्रा, दीपक मिश्रा, राजीव मिश्रा, भुवन मिश्रा, अर्जुन आचार्य, बबलू मिश्रा और नीतीश यादव की संलिप्तता होने की बात सामने आई। जिसमें से मात्र एक आरोपी प्रकाश मिश्रा को पुलिस अरेस्ट करने में सफल रही थी लेकिन वो भी पुलिस की सही तरीके से जांच न किए जाने के कारण कानूनी दांव पेंच का सहारा लेकर दस महीने बाद बेल पर रिहा हो गया। जबकि बाकी सारे आरोपी आठ महीनों तक फरार रहे। अपहृत प्रोफेसर की अबतक बरामदगी नहीं होने से घरवाले परेशान हैं। परिजनों ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने और अररिया पुलिस प्रशासन द्वारा जांच में ढुलमूल रवैया अपनाए जाने का आरोप भी लगाया है।