Saturday, November 9, 2024
Homeदेश-विदेशवरिष्ठ बीजेपी नेता और जबलपुर से विधानसभा में प्रत्याशी के इशारो पर...

वरिष्ठ बीजेपी नेता और जबलपुर से विधानसभा में प्रत्याशी के इशारो पर पश्चिम क्षेत्र के 90 हजार लोगो को अंधेरे में रखने का प्रयास, नहीं होने दे रहे अभियंता के कार्यालय का परिवर्तन

जबलपुर।

जबलपुर शहर में दक्षिण क्षेत्र में पदस्थ एक वरिष्ठ अभियंता भाजपा नेताओं से अपने सम्बन्ध के चलते अपने सीनियर अधिकारी को फोन करवा कर अपने कार्यालय का परिवर्तन रोकने के आदेश पास करा चुके हैं जिसे मौखिक रूप से भाजपा नेता ने बोला है लेकिन उक्त भाजपा नेता ने यह विचार नहीं किया कि गढ़ा पुरवा में बनाए गए 50 लाख रुपए कीमत का कार्यालय 90000 विद्युत उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए बनाया गया है। उक्त कार्यालय विगत 2 वर्षों से अपनी उपेक्षा की वजह से आंसू बहा रहा है जिसे वर्तमान प्रबंध संचालक द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आदेश किए गए हैं ताकि तिलवारा घाट से लेकर शारदा चौक शक्ति नगर तक विद्युत सप्लाई में हो रही अनियमितताओं को दूर किया जा सके।

अभियंता का रिकॉर्ड रहा है कि उन्होंने हमेशा जबलपुर में ही पद स्थापना पाई है उनका तबादला कभी भी जबलपुर शहर से बाहर नहीं हुआ है उनका कार्यालय रामपुर में घर के गरीब होने से विद्युत उपभोक्ताओं को अपनी समस्या सुनाने में संकट का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गढ़ा पुरवा कार्यालय जाने से कार्यपालन अभियंता को विद्युत उपभोक्ताओं का सामना भी करना पड़ेगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को एक अधिकारी के लिए 90 हजार विद्युत उपभोक्ता को इग्नोर करना कहां का न्याय है। भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता जो वर्तमान में चुनाव भी लड़ रहे हैं उन्हें गुमराह किया गया होगा तभी उन्होंने प्रबंध संचालक को फोन किया है लेकिन वह इतने नादान भी नहीं है की जिन्होंने चार-चार लोकसभा चुनाव लड़ा है वह एक अधिकारी के लिए 90 हजार विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधाओं को बलि चढ़ाने पर तुल गया है इन बिंदुओं को भारतीय जनता पार्टी के इस वरिष्ठ नेता को ध्यान देना चाहिए क्योंकि 90 हजार विद्युत उपभोक्ता उन्हीं के क्षेत्र के हैं उन्हीं की विधानसभा क्षेत्र में आते हैं जहां से वह चुनाव लड़ रहे हैं विद्युत उपभोक्ताओं के साथ में उन्हें इग्नोर करना भारी भी पढ़ सकता है वहीं कार्यपालन अभियंता के पक्ष में इस प्रकार की पैरवी गैर कानूनी ढंग से करना भी प्रबंध संचालक को मुंह चिढ़ाने का अवसर दियो गया है प्रबंध संचालक को जिस प्रकार से दबाव में लिया गया है यह उनके स्वभाव के बिल्कुल विपरीत है क्योंकि विद्युत उपभोक्ताओं को दरकिनार करके एक अधिकारी को उसके हितों के लिए। संरक्षण देना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments