Wednesday, December 11, 2024
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रेलवे की थिक वेब स्विच तकनीक से 160 किमी./घंटे की रफ्तार से दाैड़ेंगी सुपर फास्ट ट्रेनें

दिल्ली-झांसी रूट पर अभी लगाई जा रही ये तकनीक

6 घंटे का सफर 4 घंटे में हो सकेगा पूरा, बढ़ेगी ट्रेनों की सुरक्षा

नई दिल्ली।

रेलवे जल्द ही पटरियों से जुड़ी एक नई तकनीक ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने और उनकी सुरक्षा को लेकर ला रहा है। इस तकनीक को रेलवे ने थिक वेब स्विच का नाम दिया है। फिलहाल इस तकनीक को दिल्ली-झांसी रूट पर लगाना शुरू कर दिया गया है। इसके बाद देश के अन्य रूटों को कवर किया जाएगा। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस तकनीक से दिल्ली-झांसी रूट पर ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाया जा सकेगा। जिससे जहां अभी दिल्ली से झांसी पहुंचने में 6 घंटे का समय लगता था, वहीं इस तकनीक के पूरी तरह से पटरियों पर लगने के बाद मात्र 4 घंटे में ट्रेनों से सफर पूरा किया जा सकेगा।

पटरियों में कहां लगेंगे थिक वेब स्विच

बता दें कि पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं। अभी तक इन टर्न आउट पर परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है, लेकिन इन टर्नआउट को ही मजबूती देने के लिए ही रेलवे ने थिक वेब स्विच तकनीक ईजाद की है। जिसका काम अभी दिल्ली-झांसी रूट पर तेजी से किया जा रहा है। रेलवे के अनुसार इस स्विच का उद्देश्य ट्रेनों की स्पीड को भविष्य में 160 किमी. प्रति घंटे की स्पीड तक ले जाना है। इसके अलावा लूप लाइन में भी ट्रेनों की गति को 30 किमी. प्रति घंटे से बढ़ाकर 50 किमी. प्रति घंटे करना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन स्विच के इस रूट पर लगने के बाद शुरूआत में 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से सभी ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा। जिसके बाद ग्वालियर तक का सफर मात्र 4 घंटे में लोग सुपर फास्ट ट्रेन से कर सकेंगे।

स्विच से यह मिलेगा पटरियों को फायदा

रेलवे ने इन नए स्विच को ऐसा डिजाइन किया है कि इसे कंक्रीट स्लीपरों पर आसानी से लगाया जा सकता है। यह पटरियों की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ उसकी आयु को भी बढ़ाएगा, वहीं तेज गति में ट्रेन के कंपन को भी कम करेगा। बता दें कि जब ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन पर जाती है तो उसके पाइंट को फेसिंग पाइंट कहते हैं। ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए इन फेसिंग पाइंट का मजबूत होना जरूरी होता है। पहले के परंपरागत स्विच की तुलना में रेलवे ने इसे मोटा, डबल लॉकिंग और स्प्रिंग सेटिंग से बनाया है। इसके ऊपर से गुजरने वाली ट्रनों के यात्रियों को यह पता नहीं चलेगा कि उनकी ट्रेन फेसिंग पाइंट से गुजरी है और उन्हें कोई झटका भी महसूस नहीं होगा।

4 घंटे में पहुंच सकेंगे ग्वालियर

गौरतलब है कि दिल्ली से झांसी जाने वाली ट्रेनों में पंजाब मेल, केरला एक्सप्रेस, मंगला एक्सप्रेस, तमिलनाडु, झेलम, श्रीधाम एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं। जो अभी झांसी पहुंचने में करीब 6 घंटे का समय ले लेती हैं। क्योंकि रूट पर काफी मोड़ हैं और ट्रैक बदलने पर इनकी स्पीड को धीमा करना पड़ता है। जब यह स्विच रूट पर इंस्टॉल कर दिए जाएंगे तो ट्रेन की स्पीड को पड़ने वाले मोड़ों पर और ट्रैक बदलने पर धीमा नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा अभी ये ट्रेनें 100 से 110 किमी. प्रति घंटे की स्पीड से चलाई जाती है। इन स्विच के लगने के बाद फिलहाल रेलवे 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने की प्लानिंग कर रहा है, जिसे भविष्य में वह 160 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से भी चला सकता है। लेकिन अभी की रेलवे की प्लानिंग के तहत दिल्ली से ग्वालियर और ग्वालियर से दिल्ली का सफर मात्र 4 घंटे में तय किया जा सकेगा।

Imran Khan
Imran Khan
[Imran] has spent over [X] years in the media industry, honing [his/her/their] craft in political analysis. At Notdnews, [he] are committed to delivering in-depth coverage that resonates with readers and sparks meaningful conversations.
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