Sunday, January 26, 2025
Homeक्राइमसुप्रीम कोर्ट से चंद्रबाबू नायडू को मिली बड़ी राहत, फाइबर नेट केस...

सुप्रीम कोर्ट से चंद्रबाबू नायडू को मिली बड़ी राहत, फाइबर नेट केस में गिरफ्तारी पर लगाई रोक

फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं नायडू

9 नवंबर को फाइबर नेट केस में अग्रिम जमानत को लेकर होगी सुनवाई

कोशल विकास घोटाले मामले में आदेश रखा गया है सुरक्षित

नई दिल्ली।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू को बड़ी राहत दी है। शीर्ष कोर्ट ने आंध्र प्रदेश पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि कौशल विकास घोटाला मामले में याचिका पर फैसला आने तक फाइबर नेट केस में चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार न करे। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने फाइबर नेट मामले में नायडू की अग्रिम जमानत पर 9 नवंबर को सुनवाई तय की है। पीठ ने आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा, “पहले की स्थिति को जारी रहने दीजिये।” सुप्रीम कोर्ट में आंध्र प्रदेश पुलिस ने पीठ को आश्वासन दिया था कि पुलिस नायडू को हिरासत में नहीं लेगी। नायडू को 9 सितंबर 2023 को हिरासत में लिया गया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कौशल विकास घोटाला मामले से संबंधित याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा गया है, इसलिए फैसला सुनाए जाने के बाद फाइबर नेट केस में नायडू की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करना उचित होगा। कौशल विकास घोटाले में पूर्व सीएम नायडू ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। जिस पर ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा है। चंद्रबाबू नायडू की ओर से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि कौशल विकास घोटाला मामले में हिरासत में होने के बावजूद पुलिस फाइबर नेट केस में नायडू को हिरासत में लेना चाहती है। जिसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने नायडू को राहत दी।

कोर्ट के फैसले का इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं- आंध्र प्रदेश सरकार

वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने पीठ से कहा कि उन्हें कोर्ट के फैसले का इंतजार करने में कोई दिक्कत नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस हफ्ते की शुरुआत में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा नायडू को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ चंद्रबाबू नायडू की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

क्या हैं आरोप

बता दें कि फाइबर नेट केस आंध्र प्रदेश फाइबरनेट परियोजना के चरण -1 के तहत कार्य आदेश आवंटित करने में कथित टेंडर में हेरफेर से संबंधित है। इसमें अपनी पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये का टेंडर देने का उन पर आरोप है। वहीं अगर कोशल विकास घोटाले की बात करें तो उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने साल 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए स्कील डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के फंड का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया था, जिसके कारण राज्य के खजाने को 371 करोड़ का नुकसान हुआ था।

Imran Khan
Imran Khan
[Imran] has spent over [X] years in the media industry, honing [his/her/their] craft in political analysis. At Notdnews, [he] are committed to delivering in-depth coverage that resonates with readers and sparks meaningful conversations.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments