नई दिल्ली।
मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर- 21C में हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि हम अपने छात्रों में एक स्थायी जीवन शैली जीने की सोच का विकास करें। विद्यालय में छात्रों को नर्सरी-केजी कक्षाओं से ही प्रकृति के दिए उपहारों का सम्मान करना सिखाया जा रहा है। उन्हें छोटी आयु से यह बताया जा रहा है कि हम किस प्रकार अपने संसाधनों का सदुपयोग कर अपनी पृथ्वी की रक्षा में अपना योगदान दे सकते हैं। ‘सस्टेनेबिलिटी क्रूसेडर्स’ इस दिशा में विद्यालय द्वारा लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास तथा बच्चों को अपने पर्यावरण की रक्षा करने के संवेदनशील बनाने के लिए हमारी एक पहल है।
इसी विचार को ध्यान में रखते हुए छात्रों के लिए शनिवार को एक अंतरविद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें फरीदाबाद के विभिन्न विद्यालयों के 52 छात्रों ने अपने माता-पिता के साथ भाग लिया। इसमें ‘सस्टेनेबल स्प्रिंट’ का भी आयोजन किया गया। इस दौड़ का उद्देश्य छात्रों को स्थिरता और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों से परिचित कराना था। छात्रों ने दौड़ के माध्यम से अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले विभिन्न माध्यमों जैसे प्लास्टिक के स्थान पर कागज़, जूट और कपड़े के थैलों को चुनकर अपनी पृथ्वी को सुरक्षित रखने की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया।
‘द ट्वेंटीफर्स्ट सेंचुरी जंकस्टर्स’ थीम के अंतर्गत छात्रों को विभिन्न संसाधनों और उनके इष्टतम उपयोग के महत्व को बताने के लिए ‘बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। छात्रों को अपने माता या पिता के साथ जोड़ी बनाकर घर में उपलब्ध पुरानी वस्तुओं, कबाड़ आदि का पुन: उपयोग कर सजावटी सामान, कलाकृति या अन्य उपयोगी वस्तु का निर्माण करना था। सभी प्रतिभागियों ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया और बेहतर ढंग से अपनी विभिन्न नवीन और रचनात्मक कलाकृतियों को सबके समक्ष प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि फैंडोरो टेक्नोलॉजिस की सी.ई.ओ. सुश्री स्मिता मिश्रा ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों का महत्त्व लोगों तक पहुँचाने और हमारे सुंदर ग्रह पृथ्वी को बचाने के लिए विद्यालय के प्रयासों की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि श्री अनीष ने भी पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी से अपना योगदान करने की अपील की। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा अनीस ने सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को धन्यवाद और बधाई दी। इस अवसर पर श्रीमती सीमा ने देश के नन्हें भविष्य निर्माताओं और वहाँ उपस्थित सभी माननीय अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे कारण पृथ्वी को बहुत नुकसान पहुँच रहा है और अगर हम आज अपनी जीवन शैली में बदलाव नहीं लाएँगे तो भविष्य में यह ग्रह बचेगा ही नहीं। आज लोग इस बात को समझ रहे हैं और एक सस्टेनेबल लाइफस्टाइल अपना रहे हैं। हमें जितने भी संसाधन मिले हैं उनका सोच-समझकर इस्तेमाल करना है ताकि आने वाली पीढ़ी भी उनका इस्तेमाल कर सके।