नई दिल्ली।
भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले क्रिकेटर कपिल देव ने जानवरों के प्रति क्रूरता पर सख्त कानूनों के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों को चैलेंज देते हुए याचिका दायर की है।
कपिल देव ने जिन प्रावधानों को चुनौती दी है, उनमे आवारा कुत्तों को घातक कक्षों में रखने और किसी भी कानून के अधिकार के तहत किसी भी जानवर को भगाने या खत्म करने की अनुमति देता है। हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया है। याचिका चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई, जिसने याचिकाकर्ताओं के वकील को कुछ निर्णय रिकॉर्ड पर रखने के लिए समय दिया।
याचिकाकर्ता कपिल देव, उनकी पत्नी रोमी देव और पशु अधिकार कार्यकर्ता अंजलि गोपालन ने कहा कि याचिका जानवरों के साथ बार-बार होने वाले बर्बर व्यवहार की घटनाओं के कारण दायर की जा रही है। याचिका में जानवरों के प्रति क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम की धारा 11 को चुनौती देते हुए कहा गया है कि यह बिना किसी रोक-टोक के और स्पष्ट रूप से मनमाना है क्योंकि यह जीवन को तुच्छ बनाता है और जानवरों के अंग-भंग और हत्या को छोटे और तुच्छ कृत्य मानकर उनके सार्थक अस्तित्व से इनकार करता है और 10 रुपए से कम की सजा लगाकर उनकी मौत का मजाक उड़ाता है।