नई दिल्ली।
केंद्रीय रेल मंत्रालय ने बीते सोमवार से दिल्ली चंडीगढ़ अमृतसर हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए पंजाब में एक सोशल इकोनॉमिक सर्वे शुरू किया है। इसमें बुलेट ट्रेनों के लिए 55 फीट चौड़ा रेलवे ट्रैक होगा, जिसे 350 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने का प्रस्ताव है। इस कॉरिडोर के बनने के बाद अमृतसर से दिल्ली के बीच यात्रा का समय पांच घंटे से घटाकर दो घंटे होने की उम्मीद है। ग्रीन फील्ड में बनने वाले इस हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए सर्वे का काम आईआईएम रिसर्च दिल्ली की ओर से किया जा रहा है जिनकी 12 टीमें पंजाब में पहुंच चुकी हैं और सर्वे भी शुरू कर चुकी हैं।
प्रभावित निवासी को मिलेगा मुआवज़ा
सर्वेक्षण करने वाले आईआईएम रिसर्च के एक प्रतिनिधि के अनुसार परियोजना के लिए कुल मिलाकर 365 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण कब शुरू होगा, इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इसमें पांच साल लग सकते हैं। प्रभावित निवासी को मुआवजा राशि दी जाएगी जो जमीन के कलेक्टर रेट से लगभग पांच गुना अधिक होगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव के आधे निवासी भूमि अधिग्रहण पर आपत्ति जताते हैं तो परियोजना को दूसरे गांव में स्थानांतरित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बुलेट ट्रेन के लिए बनने वाले गलियारे के दोनों तरफ बाड़ लगा दी जाएगी, क्योंकि ट्रेन की अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटा होगी। उम्मीद है कि इससे दिल्ली-अमृतसर के बीच की दूरी को केवल 2 घंटे में तय किया जा सकेगा।