नई दिल्ली।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से दिल्ली के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने गॉल ब्लैडर के ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन के बाद 83 साल के बुजुर्ग को नया जीवन मिला है। ऑपरेशन की सबसे बड़ी खासियत रही कि इसमें न तो ब्लड लॉस हुआ और न ही सेल्स को किसी तरह का नुकसान पहुंचा है।
इससे पहले कोलकाता के सर्जनों ने इस ऑपरेशन में जोखिमों की चेतावनी देते हुए सर्जरी करने की योजना बनाई थी। लेकिन इस ऑपरेशन को दिल्ली के निजी अस्पताल ने अंजाम दिया। सर्जरी करने वाली टीम का कहना है कि उन्हें सर्जरी के दौरान कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्हें ऐसा भी लगा कि इस दौरान मरीज के जीवन को भी खतरा हो सकता है।
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज के लीवर में गुब्बारे जैसा एक सिस्ट (तरल पदार्थ) भरा हुआ था। इसके कारण ही इसे गॉल ब्लैडर जिसे पित्ताशय की थैली भी कहा जाता है, उसका पता लगा पाना मुश्किल हो गया था। ऑपरेशन के दौरान गंभीर स्थिति की आशंका को देखते हुए कोलकाता में डॉक्टर्स ने सर्जरी को टाल दिया था। उन्हें आशंका थी कि इस दौरान गंभीर रक्तस्राव भी हो सकता है। इसके बाद मरीज ने दिल्ली का रुख करते हुए यहां एक निजी अस्पताल में अपनी जांच कराई।
रोबोटिक सर्जन ने दिया सर्जरी को अंजाम
कोलकाता के अस्पताल में सर्जरी से इनकार किए जाने के बाद दिल्ली के निजी अस्पताल के रोबोटिक सर्जन डॉक्टर अरुण प्रसाद और उनकी टीम ने सर्जरी की तैयारी कर ली। इसके बाद टीम ने उस मरीज की सफलतापूर्वक इंडोसायनिन ग्रीन एआई फ्लोरोसेंस-असिस्टेड पित्ताशय की सर्जरी की। इसके बाद मरीज को पथरी रोग के कारण होने वाले गंभीर पेट दर्द से राहत मिल गई।
सिस्ट को नुकसान पहुंचाए बिना सर्जरी
डॉक्टरों की टीम ने दावा किया है कि सर्जरी को पित्ताशय के आसपास किसी भी सेल को नुकसान पहुंचाए बिना अंजाम दिया गया है। डॉक्टर्स ने यह भी कहा है कि इसके साथ ही टीम ने बड़ी आंत के हर्निया का भी इलाज किया।