Wednesday, December 11, 2024
Homeस्वास्थ्यअमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट (एओआई) ने 79 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को एग्रेसिव टी-सेल...

अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट (एओआई) ने 79 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को एग्रेसिव टी-सेल लिंफोमा बीमारी से बचाया

गुरुग्राम।

अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट (एओआई) गुरुग्राम ने महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल शहर की रहने वाली 79 वर्षीय महिला की सफलतापूर्वक जान बचाई है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि में टी-सेल लिंफोमा के एक एडवांस्ड मामले का सफल उपचार शामिल है, जो नॉन-हॉजकिन के लिंफोमा का एक विशेष रूप से एग्रेसिव रूप है। एउओआई की यह उपलब्धि शानदार और गहन रिसर्च और पर्सनलाइज्ड मरीज-केंद्रित मेडिकल केयर के प्रति एओआई की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।

मरीज को पिछले तीन महीनों से लगातार बुखार और गर्दन और बगल में दर्दनाक गांठों की समस्या पेश आ रही थी। हर बीतते दिन के साथ उसकी हालत खराब होती गई और आखिर में उन्होंने एओआई गुरुग्राम में मेडिकल मदद मांगी। काफी गहराई से जांच के बाद, जिसमें लिम्फ नोड बायोप्सी और पीईटी स्कैन शामिल था, मरीज को एक एडवांस्ड स्टेज (बियोंड स्टेज 3) में टी-सेल लिंफोमा की पहचान की गई।

एओआई, गुरुग्राम में डॉ. (ब्रिगेडियर) ए.के. धर, सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल एंड हेमटो ऑन्कोलॉजी, की एक्सपर्ट गाइडेंस में, मरीज को उसकी बीमारी, उपचार योजना और अपेक्षित परिणामों के बारे में विस्तार से बताया गया। रोगी को उसकी उम्र और अंगों के कार्यों के अनुसार कीमोथेरेपी के चार साइकिल से गुजरना पड़ा। उल्लेखनीय रूप से, उसने इन ट्रीटमेंट साइकिल के बाद टी-सेल लिंफोमा से जुड़े चुनौतीपूर्ण पूर्वानुमान को खारिज करते हुए पूरा रिस्पांस हासिल किया।

डॉ. (ब्रिगेडियर) ए.के. धर, सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल एंड और हेमाटो ऑन्कोलॉजी, ने कहा कि ‘‘टी-सेल लिंफोमा नॉन-हॉजकिन लिंफोमा के सबसे एग्रेसिव और चुनौतीपूर्ण रूपों में से एक है। महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, इसके उपचार के लिए तय मेडिकल प्रोटोकॉल की कमी है, खासकर बुजुर्ग रोगियों में। हमारे इस मरीज का मामला शानदार परिणाम प्राप्त करने में पर्सनलाइज्ड केयर और इनोवेटिव दृष्टिकोण के महत्व को दर्शाता है।’’

बुजुर्ग मरीजों, विशेषकर 70 वर्ष से ऊपर के लोगों को, अक्सर कीमोथेरेपी के कारण दुष्प्रभावों के बढ़ते जोखिम का सामना करना पड़ता है। सीमित बोन मेरो रिजर्व, खराब ड्रग मेटाबोलिज्म और संबंधित अन्य रोगों की मुश्किल स्थितियां उपचार में कई मुश्किल चुनौतियां पैदा करती हैं। इसके अलावा, इस आयु वर्ग में कीमोथेरेपी दवा के चयन और डोज के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों का अभाव उपचार प्रोसेस को और अधिक जटिल बना देता है। एओआई गुरुग्राम टीम ने कीमोथेरेपी डोजेज को सावधानीपूर्वक एडजस्ट करके इन चुनौतियों का सामना किया, जिसके परिणामस्वरूप अधिक सहनीय और प्रभावी दृष्टिकोण सामने आया।

डॉ.अमित धवन, रीजनल सीओओ, अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने कहा कि ‘‘कैंसर केयर के लिए एओआई गुरुग्राम की एप्रोच इनोवेशन और सहयोग पर आधारित है। हमारे अलगa अलग स्ट्रीम के एक्सपर्ट की टीम ने इस बुजुर्ग रोगी के लिए एक पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट रणनीति विकसित करने के लिए अथक प्रयास किया। हम न केवल छूट प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए लंबी अवधि के समाधान भी तैयार कर रहे हैं कि उसके जैसे मरीज रोग के जाल से बाहर निकलकर एक बेहतर जीवन जी सकें। हम अपने मरीजों को बेस्ट-इन-क्लास क्लिनिकल विशेषज्ञता, टेक्नोलॉजिकल एक्सीलेंस और शानदार सर्विस प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।’’

आरवी हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट (एओआई) गुडग़ांव में एक प्रमुख कैंसर हॉस्पिटल है, जो इस क्षेत्र में कैंसर ट्रीटमेंट सर्विसेज की एक विस्तृत सीरीज की पेशकश करता है। व्यापक कैंसर सुविधा क्लिीनिकल एक्सीलेंस, अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और इंटरनेशनल विशेषज्ञता द्वारा संचालित उच्चतम स्टैंडर्ड की इंटीग्रेटेड कैंसर केयर प्रदान करने के लिए समर्पित है। इंटरनेशनल ट्यूमर बोर्ड के एलीट वैश्विक नेटवर्क के एक गौरवान्वित सदस्य के रूप में, गुरुग्राम में एओआई दुनिया भर के प्रमुख मेडिकल प्रोफेशनल्स के साथ मिलकर काम करता है, यह सुनिश्चित करता है कि मरीजों को गुडग़ांव के बेस्ट कैंसर अस्पताल में सबसे एडवांस्ड और पूरी तरह से जानकारी आधारित ट्रीटमेंट विकल्प उपलब्ध हों।

Imran Khan
Imran Khan
[Imran] has spent over [X] years in the media industry, honing [his/her/their] craft in political analysis. At Notdnews, [he] are committed to delivering in-depth coverage that resonates with readers and sparks meaningful conversations.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments