नई दिल्ली।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने भारत में स्थित कॉल-सेंटरों से कथित फर्जी कॉल के माध्यम से अमेरिका सहित विभिन्न देशों में कई लोगों से लगभग 157 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोपी एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया कि आरोपियों ने खुद को भारतीय राजस्व सेवा, अमेरिकी आव्रजन विभाग और बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थानों जैसे संगठनों के अधिकारियों के रूप में पेश किया।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि कॉल करने वाले इन लोगों ने पीड़ितों को विभिन्न माध्यमों से शुल्क, जुर्माना या कर देने के लिए मजबूर किया और उन्हें उनके बैंक खाते के विवरण और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए भी मजबूर किया गया।
विशेष न्यायाधीश अश्विनी कुमार सरपाल ने 25 अगस्त को पारित आदेश में आरोपी संकेत भद्रेश मोदी को राहत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह नोटिस प्राप्त होने के बावजूद तीन तारीखों पर जांच में शामिल नहीं हुआ और एक बार जांच से बचने के लिए झूठा बहाना बनाया। आरोपी एक कंपनी ‘एस एम टेक्नोमाइन प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक पद पर कार्यरत था। इस मामले में यह कंपनी भी आरोपी है।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी ने ईमेल, बिटकॉइन वॉलेट आदि खोलने के लिए पासवर्ड उपलब्ध न कराकर जांच में सहयोग नहीं किया और अपने कर्मचारियों पर दबाव डाला और धमकी दी कि वे सीबीआई को कुछ भी न बताएं। उन्होंने कहा कि अगर आरोपी को हिरासत से रिहा किया गया तो सबूतों, खासकर डिजिटल सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है।