42वीं नॉर्थ जोन शूटिंग चैंपियनशिप राइफल इवेंट्स का समापन
राजस्थान-हरियाणा ने जीते 21-21 मेडल
नई दिल्ली।
डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज पर चल रही 42वीं नॉर्थ जोन शूटिंग चैंपियनशिप के राइफल इवेंट्स का समापन हो गया। उत्तर भारत के तमाम राज्यों से 1800 से ज्यादा निशानेबाजों ने इस मुकाबले में शिरकत की। दिल्ली स्टेट राइफल एसोसिएशन के सचिव अनुपम कमल ने बताया कि इस मुकाबले में राजस्थान के निशानेबाज सबसे ज्यादा रहे, राजस्थान और हरियाणा ने सबसे ज्यादा 21-21 मेडल जीते, दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश ने 15 मेडल जीते, इसके बाद पंजाब और दिल्ली का स्थान रहा।
पदक वितरण समारोह में नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया(एनआरएआई) के महासचिव कुंवर सुल्तान सिंह के साथ लंदन ओलंपिक के पदक विजेता निशानेबाज विजय कुमार, डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज के प्रशासक केपी श्रीजीत, एनआरएआई के सचिव राजीव भाटिया और दिल्ली स्टेट राइफल एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन जसपाल सिंह मारवाह ने नॉर्थ जोन शूटिंग चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को सम्मानित करते हुए हौसला अफजाई की।
इस मौके पर ओलंपियन विजय कुमार ने कहा कि “एक तरफ चांद पर चंद्रयान-3 ने तिरंगा लहराया है तो वहीं दूसरी तरफ भारत के निशानेबाजों ने अजरबैजान में चल रही ISSF वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश का झंडा बुलंद किया है, ये एक शुभ संकेत है।” विजय कुमार ने आगे कहा कि “ये दोनों चीजें एक साथ हुई हैं.. बड़े गर्व की बात है कि चांद पर हमारे चंद्रयान ने सुरक्षित लैंड किया है, साथ ही बाकू में हो रही वर्ल्ड चैंपियनशिप में हमारे निशानेबाज़ बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां 4 कोटा प्लेस हमारे शूटर लेकर आ चुके हैं, दिन प्रतिदिन हमारी शूटिंग काफी इम्प्रूव हो रही है। मुझे उम्मीद है कि ओलंपिक में भी हमारे शूटर देश का नाम करेंगे और ढेर सारे मेडल जीतेंगे।”
नेशनल राइफल एसोसिएशन के महासचिव कुंवर सुल्तान सिंह ने कहा कि “देश में शूटिंग के स्तर को और बेहतर करने के लिए हम बुनियादी तौर पर काम कर रहे हैं, स्कूल और जिला स्तर से जितने ज्यादा निशानेबाज आएंगे, वो आगे चलकर देश का नाम रौशन करेंगे।” उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे निशानेबाज 2024 के पैरिस ओलंपिक के लिए 7 कोटा प्लेस हासिल कर चुके हैं, इस बार हमारे पास टोक्यो ओलिंपिक से ज्यादा कोटा आएंगे और हमें उम्मीद है कि हम उन्हें मेडल में कन्वर्ट करेंगे।
कुंवर सुल्तान सिंह ने बताया “आगे 4 और इवेंट आने वाले हैं जो कि कोटा कम्पटीशन्स हैं, हमारे शूटर्स फुल फॉर्म में हैं, पूरे तरीके से उनकी ट्रेनिंग, मेंटल ट्रेनिंग, फिजिकल ट्रेनिंग और उनको जितना भी ऑब्जर्वेशन सपोर्ट दिया जाता है, हम बहुत बारीकी से उस चीज को देख रहे हैं। पिछले ओलंपिक में जितने मेडल आए थे, उस हिसाब से हमारे पास अभी तक ज्यादा कोटा प्लेस हैं। ISSF ने अपने नियम बदले हैं, जहां पहले वो 2 कोटा देते थे, अब एक इवेंट में एक देश को एक ही कोटा देता है।” समापन समारोह में इस प्रतियोगिता के सभी ऑफिशियल्स को भी दिल्ली स्टेट राइफल एसोसिएशन की तरफ से सम्मानित किया गया।