कहीं बरसा कुमकुम तो कहीं जले दीपक, भक्तों को हुए देवताओं के दर्शन
मां-बाप की सेवा-सम्मान करोगे तो जिंदगी में मिलेगी सुख-शांति समृद्धि
नई दिल्ली।
श्री कृष्णागिरी पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम शक्तिपीठाधिपति मंत्र शिरोमणि राष्ट्रीय संत परम पूज्य गुरुदेव श्री वसंत विजय जी महाराज के सानिध्य में आयोजित 55 दिवसीय शिव महापुराण, यज्ञ, अखंड रुद्राभिषेक महाउत्सव आज छठे दिन में प्रवेश कर गया। बुधवार को छत्तरपुर मार्कंडेय हाल में आयोजित शिव कथा, यज्ञ में सनातन मंत्रों की शक्ति का दिव्य नजारा देखने को मिला। राष्ट्रीय संत वसंत विजय महाराज के शिव दरबार में चमत्कारों की झड़ी लग गयी। चमत्कार का नजारा यह था कि कथा पंडाल तो छोड़ो तो देश और विदेश तक में कहीं कुमकुम बरसा तो कहीं अपने आप ही दीपक प्रज्ज्वलित हो उठे। कितने भक्तों को अपने ईष्ट देवताओं कुलदेवी देवताओं के साक्षात दर्शन हुए। किसी को भगवान शिव तो किसी को भगवान कृष्ण ने दर्शन दिए। इसके अलावा भक्तों पर लक्ष्मी मां भी मेहरबान हुईं।
शिव दरबार में आज कथा की शुरुआत राष्ट्रीय गान से हुई। संत वसंत विजय जी महाराज साहेब ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। गुरुदेव ने हजारों की संख्या में शिव दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़ को आज अमावस्या के मौके पर एक अकाट्य मंत्र कवच दिया। गुरुदेव ने कहा कि अमावस्या के दिन यह विशेष मंत्र कवच इसलिए दिया गया है क्योंकि अब यह कवच बहुत बल से काम करेगा। उन्होंने कहा कि मां बाप का सम्मान और सेवा करोगे तो जिंदगी में सुख शांति समृद्धि मिलेगी। क्योंकि अगर आपकी जन्म कुंडली में सूर्य बिगड़ा है तो पिता का अनादर किया है और यदि चंद्रमा बिगड़ा है तो मां का अपमान किया है। मां-बाप का अनादर करने वाला व्यक्ति दर-दर की ठोकरें खाता है।
संत वसंत विजय महाराज साहेब ने कथा व्यासपीठ से यह चुनौती दी कि सनातन धर्म के मंत्र इतने शक्तिशाली है, खाली मंत्र प्रार्थना से सालों की बीमारी, भूत प्रेत, जादू मंत्र, टोने टोटके जैसी परेशानियों और बाधाओं का क्षण में निवारण हो जाता है। संत ने कहा कि वे दो मिनट में सालों के सिर, पेट, पीठ दर्द की बीमारी से छुटकारा दिला सकते हैं।
छत्तरपुर मार्कंडेय हाल में आयोजित शिव कथा, यज्ञ में हर रोज भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। इन पांच दिनों में गुरुदेव ने हजारों भक्तों को कमर, घुटने, सिरदर्द और कितनी ही अन्य बीमारियों से निजात दिलाकर स्वस्थ किया। 11 अगस्त से शुरू हुआ यह महाउत्सव 5 अक्तूबर 2023 तक चलेगा। इस महाउत्सव के सभी कार्यक्रम पूर्णतया निशुल्क हैं ।
55 दिवसीय महाउत्सव में 1 करोड़ 11 लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया जाएगा। पांच दिन में हजारों भक्तों ने लाखों शिवलिंगों का निर्माण कर उनका पूजन अर्चन किया। बता दें कि श्रद्धालु अपने हाथों से बनाए शिवलिंगों की ही पूजा अर्चना कर अपने जीवन को शिव भक्ति में लगा धन्य बना रहे हैं। खास बात यह है कि पार्थिव शिवलिंग बनाने वाले भक्तों से कोई भी पैसा नहीं लिया जा रहा है। 10 करोड़ मंत्रों से सिद्ध अतिदिव्य शिंवलिंग का अखंड अभिषेक चल रहा है। सुबह से शाम तक दिव्य शिवलिंग के दर्शन और अभिषेक के लिए हर रोज सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। काशी से आए 25 विद्वान पंडितों द्वारा 24 घंटे रुद्राष्टाध्यायी का पाठ किया जा रहा है ।
55 दिवसीय महाउत्सव में भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें हर रोज हजारों लोग आकर भंडारे में प्रसाद पा रहे हैं। बता दें कि गुरुदेव महाराज का जहां भी सत्संग कार्यक्रम होता है जिसमें चाहे देवी भागवत हो, या भैरव महापुराण हो, शिवमहापुराण कथा कार्यक्रम हो, हर जगह भंडारे का आयोजन होता है जिसमें लाखों लोग हर रोज भोजन प्रसादी लेते हैं ।
कथा पांडाल में ही हो रहे महायज्ञ में हर रोज हजारों दैवीय मंत्रों के साथ मंत्र शिरोमणि संत श्री वंसत विजय जी महाराज साहेब स्वयं मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ करा रहे हैं। इस हवन यज्ञ में हर रोज हजारों किलो सूखे मेवे, घी, शहद, और दिव्य औषधियों की मंत्रों के साथ आहुतियां दी जा रही हैं। बता दें कि सनातन धर्म में हवन यज्ञ का न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक लाभ भी है। यज्ञ के दौरान मंत्रों का उच्चारण एक कंपन उत्पन्न करता है। इससे एक सकारात्मक ऊर्जा निकलती है जो आपके शरीर के चक्रों को शुद्ध करती है यज्ञ आपको मानसिक शांति प्रदान करने का काम करती है।