Thursday, September 12, 2024
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कहां तक पहुंचा चंद्रयान-3? इसरो ने देशवाशियों के लिए लॉन्च किया लाइव ट्रैकर

नई दिल्ली।

चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक पृथ्वी के ऑर्बिट को छोड़कर चांद की तरफ जा रहा है। 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद के ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। इसरो वैज्ञानिक चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक पहले ही चांद के ऑर्बिट में पहुंचा चुका है। बेंगलुरू में स्थित इसरो टेलिमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क लगातार चंद्रयान-3 पर नजर बनाए हुए है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-3 की अच्छी स्थिति में है और अपने पूर्व निर्धारित कार्य को कर रहा है। इसरो ने बताया है कि आम जनता भी अब चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में लाइव ट्रैक कर सकता है। आम नागरिक भी अब यह देख सकते हैं कि चंद्रयान-3 इस वक्त कहां है और चन्द्रमा तक पहुंचने में और कितना वक्त लगेगा।

चंद्रयान-3 की स्पीड की जाएगी कम

चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से चांद की ओर 38,520 किमी प्रति घंटे के रफ्तार से बढ़ा था। फिलहाल इसकी रफ्तार 37,200 किमी प्रति घंटा है। 5 अगस्त 2023 को शाम 6 बजकर 59 मिनट पर यह चन्द्रमा के ऑर्बिट में पहुंचेगा। यह जगह चांद की सतह से करीब 40 हजार किमी दूर होगी। यहां से चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति शुरू हो जाती है। 5 अगस्त तक चंद्रयान-3 को चांद के ऑर्बिट में जाने के लिए अपनी रफ्तार 3,600 किमी प्रति घंटे करनी होगी। तब तक चंद्रयान-3 अपनी रफ्तार धीरे-धीरे कम करेगा। 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 45 मिनट पर चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा।

असफलता के आसार हैं कम

इसरो सूत्रों ने बताया है कि अभी तक के इतिहास के हिसाब से जिन भी देशों या स्पेस एजेंसी ने रॉकेट के जरिए सीधा चांद पर जाने की कोशिश की है उनको ज्यादातर निराशा ही हाथ लगी है। अभी तक तीन ऐसे मिशन में से एक मिशन असफल हुआ है। वहीं इसरो ने जो रास्ता और तकनीक चुनी है उसमें असफल होने की गुंजाइश न के बराबर है। इसरो अब तक दो बार चांद के ऑर्बिट में सफल तरीके से पहुंच चुका है।

कब अलग होगा लैंडर और प्रोपल्शन मॉडल?

5 अगस्त से 17 अगस्त के बीच चंद्रयान-3 चांद के ऑर्बिट में धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा और चांद की सतह के करीब पहुंचने की कोशिश करेगा। 17 अगस्त को चंद्रयान-3 करीब 100 किलोमीटर के ऑर्बिट में आएगा। उसी दिन प्रोपल्शन मॉडल और लैंडर मॉडल एक दूसरे से अलग हो जायेंगे। इसके बाद 18 से 20 अगस्त तक लैंडर मॉडल अपनी स्पीड कम करेगा और डी-ऑर्बिटिंग करने का प्रयास करेगा। इसके बाद चंद्रयान-3, 100×30 किमी के ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। अगर चंद्रयान-3 इन सभी स्तर को पार करता है तो 23 अगस्त को शाम 5:45 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा।

चांद के गुरुत्वाकर्षण में नहीं रुका तो चंद्रयान-3 आएगा वापस

इस वक्त चंद्रयान-3 की स्पीड 37,200 किमी प्रति घंटे की है। चंद्रयान-3 को चांद की ऑर्बिट में पहुंचने के लिए अपनी रफ्तार 3,600 किमी करनी होगी। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो चंद्रयान-3 करीब 10 दिन का सफर करके वापस पृथ्वी के ऑर्बिट में आ जाएगा। चंद्रयान-3 की रफ्तार कम करने चंद्रयान को विपरीत दिशा में मोड़ा जायेगा। इस प्रक्रिया को डी-बूस्टिंग कहते है।

Imran Khan
Imran Khan
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