नई दिल्ली।
तमिलनाडु के तिरुप्पत्तूर जिले का लक्ष्य 30 दिन में 1556 खेत तालाब खोदने का विश्व रिकॉर्ड बनाना है। वर्तमान रिकॉर्ड तमिलनाडु के एक और जिले, तिरुवन्नामलाई के नाम है, जिसने 2021 में 1,121 तालाब खोदे थे। तिरुप्पत्तूर जिले ने जिले के भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए 1556 तालाबों की खुदाई के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) श्रमिकों की सेवाओं का उपयोग किया है। प्रत्येक तालाब की क्षमता 2 लाख लीटर वर्षा जल धारण करने की है।
जिलाधिकारी एम. भास्कर पांडियन ने जानकारी दी है कि इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र के भूजल स्तर को बढ़ाना है। इस पहल से ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में भी मदद मिली और इससे उनकी कमाई भी बढ़ी है। बरसात के मौसम के दौरान ये तालाब जलाशयों में बदल जाएंगे, इससे किसानों को गर्मी के मौसम के लिए पानी जमा करने में मदद मिलेगी। खेत के तालाब किसानों को मछली पालन में भी मदद कर सकते हैं।
जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि अमेरिका स्थित एलीट वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, यूएई स्थित एशियन रिकॉर्ड्स अकादमी, इंडियन रिकॉर्ड्स अकादमी और थमिजान बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीमें जल्द ही जिले का दौरा करेंगी और विश्व रिकॉर्ड की घोषणा के लिए खेत तालाबों का निरीक्षण करेगी। जिला प्रशासन ने भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए खेत तालाब खोदने के लिए कदम उठाए थे और इसके लिए घर-घर जागरूकता अभियान चलाया गया था। जिला प्रशासन द्वारा शामिल किए गए स्वयंसेवकों ने पर्यावरण और वर्षा जल, पौधों और अन्य प्रजातियों के संरक्षण के लिए खेत तालाबों के लाभों पर जानकारी दी।
तिरुप्पत्तूर जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि तालाबों की खुदाई के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों भूमि का उपयोग किया गया। इन तालाबों की खुदाई में मनरेगा के अकुशल मजदूरों का इस्तेमाल किया गया। मनरेगा ने प्रत्येक खेत तालाब के लिए 2 लाख रुपये की राशि आवंटित की है और प्रत्येक मजदूर को 294 रुपये की दैनिक मजदूरी का भुगतान किया गया है।