नई दिल्ली।
आइटीओ के बहादुरशाह जफर मार्ग पर बनकर तैयार हुआ भारत का पहला मैदानी संग्राहलय का उद्धाटन जल्द हो सकता है। निगम कर्मचारी युद्ध स्तर पर इस कार्य को पूरा करने में जुटे हुए हैं। 23 जुलाई 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी नींव रखी थी। इसमें भारत की पहली भारत माता की कबाड़ से बनी हुई प्रतिकृति लगाई गई है। इतना ही नहीं लोहे के कबाड़ से आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले बलिदानियों का भी विवरण हैं।
सवा चार एकड़ में फैला है पार्क
सवा चार एकड़ में फैले इस पार्क को भारत का पहला मैदान संग्राहलय इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि यह दिल्ली नगर निगम द्वारा पहला ऐसा प्रयोग हैं। जिसमें आजादी के आंदोलनों का वर्णन खुले आसमान के नीचे पार्क में लोहे के कबाड़ से बनी प्रतिकृतियों के माध्यम से किया गया है। 16 करोड़ की राशि और 200 टन लोहे के कबाड़ से इसे बनाया गया है। बता दें कि 8 अगस्त से इसे शुरू करने की योजना है। संभवत: इसके उद्धाटन में पहली बार उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और महापौर एक साथ नजर आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वेस्ट टू आर्ट तकनीक पर निगम का यह तीसरा पार्क हैं। इससे पहले वेस्ट टू वंडर और भारत दर्शन जैसे पार्क निगम बना चुका है।