नई दिल्ली।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ससुर की हरकत से परेशान बहू ने सुसाइड कर लिया। सुसाइड नोट में जो सच सामने आया वो दहलाने वाला था। मरने से पहले विवाहिता ने एक दो नहीं बल्कि 7 पन्नों में अपने साथ हुई हैवानियत की कहानी सुनाई। उसने बताया कि कैसे पिता के सामान कहे जाने वाला ससुर ने कई बार फिजिकल रिलेशनशिप बनाने के लिए दबाव डाला। बार-बार उसके साथ गंदी हरकत की।
30 जुलाई को भोपाल में रहने वाली महिला ने तमिलनाडु एक्सप्रेस के आगे छलांग लगा दी। ट्रेन से कटकर उसकी मौत हो गई। घटनास्थल पर पुलिस को सात पेज का सुसाइड नोट मिला। जिससे पता चला कि मृतका का नाम किरण द्विवेदी था। उसके ससुर महेश द्विवेदी भोपाल में हरिजन कल्याण विभाग में पोस्टेड है। इतना ही नहीं सास और बहू की हरकतों से तंग आकर किरण पिछले छह महीने से मायके में रह रही थी।
साथ सोने का ससुर देता था ऑफर
सुसाइड में महिला ने लिखा था कि उसे बच्चा नहीं हो रहा था जिसे लेकर सास-ससुर लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। इतना ही ससुर उसके साथ गंदी हरकत करता था। वो उससे पूछता था कि बेटे के साथ वो संबंध कैसे बनाती है। साथ ही शारीरिक रूप से उसके साथ गंदी हरकत भी करता था। कई बार कहता था कि बेटे के साथ बच्चा नहीं कर रही हो तो मेरे साथ सो जाओं।
6 महीने पहले बहू को ससुरालवालों ने दिया था निकाल
महिला ने आगे सुसाइड नोट में लिखा कि पति आशीष द्विवेदी से इस बात की शिकायत करती थी तो वो भी मारता था। जब ये बात मायकेवालों को बताई कि तो उसके साथ मारपीट की गई। 6 महीने पहले ससुरालवालों ने उसे निकाल दिया था। उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। 29 जुलाई को पूरे मामले पर समाज की पंचायत होनी थी। किरण अपने पिता के साथ 29 जुलाई को भिंड के पास ओदुपुरा गांव में जहां पंचायत लगनी थी वहां के लिए निकली थी। लेकिन वहां नहीं पहुंच पाई। उसने ट्रेन से कटकर जान दे दी। वहीं पिता ने जहर खा लिया। जिसका इलाज ग्वालियर में चल रहा है।
कैसे करें रिश्तों पर भरोसा?
ये घटना समाज के लिए एक सबक ही नहीं, झूठे रिश्तें नातों के मुंह पर सबसे बड़ा तमाचा है। सवाल ये है कि एक लाचार बहू को उसी के ससुराल में ससुर लगातार इस तरह फिजिकली और मेंटली शोषण करता रहा। लेकिन सात जन्म निभाने का वादा करने वाले पति तक ने उसका साथ नहीं दिया तो ससुराल के बाकी सदस्यों को कौन कहें। सवाल यह भी है कि उस पीड़ित बहू ने हैवान ससुर के खिलाफ पुलिस को शिकायत क्यों नहीं की। समाज के ऐसे शैतानों से तंग आकर सुसाइड करने की नहीं बल्कि कड़े से कड़ा सबक सीखाने की जरूरत है।