नई दिल्ली।
भारत में कई ऐसी जगह हैं, जिसका रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया है। भारत की कुछ जगहें अपनी विशेष स्थितियों के लिए जानी जाती हैं। ऐसी ही एक जगह है धनुषकोडी। यह भारत की ऐसी अनोखी जगह है, जहां से समुद्र पार श्रीलंका दिखाई देता है। इस जगह के बारे में एक बात जो सबसे महत्वपूर्ण है, वह यह है कि यह जगह भुतहा मानी जाती है। भारत और श्रीलंका के बीच यह जगह एकमात्र स्थलीय सीमा है, यह मात्र 50 गज में फैली हुई है।
भारत में यह जगह है बेहद अनोखी
यहां दिन में हजारों सैलानी घूमने आते हैं, लेकिन शाम होते ही यहां भूतों का खौफ बढ़ जाता है। अंधेरा होने के बाद गलती से भी यहां कोई नहीं रुकता। शाम होते ही यहां के लोग रामेश्वरम के लिए निकल जाते हैं। बता दें कि धनुषकोडी में पहले होटल, चर्च, रेलवे स्टेशन, पोस्ट ऑफिस और अस्पताल जैसी सुविधाएं थीं। यहां पर सैकड़ों लोग रहते भी थे लेकिन साल 1964 में यहां एक भयानक चक्रवात आया था। इस चक्रवात ने यहां पर सबकुछ नष्ट कर दिया था। इस दौरान 100 से अधिक यात्रियों वाली रेलगाड़ी समुद्र में डूब गई थी। इसके बाद से यह जगह पूरी तरह वीरान हो गई है।
इसी जगह भगवान राम ने करवाया था पुल का निर्माण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनुषकोडी से ही समुद्र के ऊपर रामसेतु का निर्माण होना शुरू हुआ था। इसी जगह पर भगवान राम ने महाबलि हनुमान को पुल निर्माण का आदेश दिया था। जिसके बाद वानर सेना श्रीलंका जा सके। यहां पर भगवान राम के कई मंदिर मौजूद हैं। बताया जाता है कि जब भगवान राम श्रीलंका में प्रवेश कर गए थे तब विभीषण के अनुरोध पर श्रीराम ने अपने धनुष से सेतु को तोड़ दिया था। इस कारण इस जगह का नाम धनुषकोडी पड़ा।