नई दिल्ली।
ऑस्ट्रेलिया के समुद्र तट पर मिली रहस्यम चीज ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी हैं। 2 मीटर लंबी बेलनाकार धातु की चीज समुद्र से बह कर आई थी। इस पर तार लटक रहे थे, जिसके बाद कोई भी इसके करीब नहीं जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया की पुलिस ने जब इस चीज को देखा तो उन्होंने सेना और स्पेस एजेंसी से संपर्क किया। आधिकारिक तौर पर इसका कोई भी खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन तस्वीरें सामने आने के बाद कथित तौर पर सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी सच्चाई सामने आई है।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के ग्रीन हेड समुद्र तट पर रविवार की सुबह सैर करने वाले कुछ लोगों को यह हैरान करने वाली चीज देखने को मिली। यह सख्त धातु की बनी हुई थी। इसे देखने के बाद लोगों ने पुलिस से संपर्क किया। देखते ही देखते तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जाने लगीं। कुछ लोगों ने इसे एलियन और UFO से जोड़ दिया तो वहीं कुछ लोगों ने इसे गायब हुए बोइंग विमान MH370 का मलबा बताया। कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि यह चीज भारत के चंद्रयान-3 मिशन का मलबा है।
इसरो के रॉकेट के फ्यूल सिलेंडर जैसा
पुलिस ने शुरुआती तौर पर यह साफ कर दिया था कि मलबा किसी विमान का नहीं है। अब एक रेडिट यूजर ने इसके खुलासे का दावा किया है। यूजर ने कहा कि यह चीज भारत के PSLV रॉकेट का तीसरा चरण है। ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी की अंतरिक्ष पुरातत्व से जुड़ी विशेषज्ञ डॉ. एलिस गोर्मन ने इस दावे का समर्थन किया है। ऑस्ट्रेलिया के मीडिया के मुताबिक उन्होंने कहा कि यह ISRO के रॉकेट के फ्यूल सिलेंडर की तरह लग रहा है। उन्होंने कहा कि जब रॉकेट लॉन्च होता है तो ईंधन जलने के बाद टैंक गिर जाते हैं। आम तौर पर यह समुद्र में गिरते हैं।
हालांकि उन्होंने आगे जो बात कही, उससे यह साफ होगा कि यह चंद्रयान-3 मिशन के रॉकेट का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह लंबे समय तक समुद्र तल पर पड़ा रहा है। इसके ऊपर बार्नाकल जैसे समुद्री जीवों ने अपना घर बना लिया। हो सकता है कि एक तूफान के कारण यह किनारे पर बह आया हो। उन्होंने आगे कहा कि यह धमाके के साथ फटने वाला नहीं है। हालांकि रॉकेट फ्यूल जहरीले होते हैं, इसलिए इसे छूना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कठोर ईंधन था, जिस कारण सुरक्षित है, नहीं तो यह जलन पैदा करता। उनका मानना है कि यह पिछले एक दशक के बीच लॉन्च हुए किसी PSLV का हो सकता है।