दिल्ली।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो पुलिस अधिकारियों को फल देने वाले 100 पेड़ लगाने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने एक सरकारी एजेंसी द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य के कारण पेड़ों को नुकसान से बचाने को लेकर एक वकील के साथ इन पुलिस अधिकारियों के हुए विवाद पर यह निर्णय सुनाया है। जस्टिस नज़मी वजीरी ने पेड़ों के सरंक्षण की अपनी डयूटी के प्रति दिल्ली पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाने और अवांछनीय झगड़े से बचने के लिए दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत वृक्ष अधिकारी को इन पुलिस अधिकारियों को जल्द सहायता देने के लिए मौजूदा आदेश को पारित करने का निर्देश दिया। जस्टिस पेड़ों के संरक्षण पर न्यायिक आदेशों का उल्लंधन करने पर शहर के कई अधिकारियों के खिलाफ एक अवमानना मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
अदालत के समक्ष दोनों पुलिसकर्मियों ने खेद प्रकट किया, जिसपर संज्ञान लेते हुए जस्टिस ने उन्हें अवमानना कार्यवाही से आरोप मुक्त कर दिया लेकिन अधिकारियों से किंग्सवे कैंप में दिल्ली सशस्त्र पुलिस परेड ग्राउंड में वृक्षारोपण अभियान चलाने का निर्देश दिया। जस्टिस ने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि हर पेड़ का न्यूनतम नर्सरी जीवन तीन साल हो और उसकी ऊंचाई कम से कम 10 फुट हो। हाईकोर्ट ने अपने पारित आदेश में कहा कि ये अधिकारी पिलखन, जामुन, अमलतास, गूलर, कथल, बाध, बरगद, कदम्ब, काला सिरस, सफेद सिरस, पापड़ी और मौलसिरी जैसे फल देने वाले 100 पेड़ लगाएंगे।
याचिकाकर्ता नई दिल्ली नेचर सोसाइटी के वकील आदित्य एन प्रसाद ने अदालत को बताया कि फरवरी 2021 में, जब उन्होंने पुलिस को लोधी कॉलोनी इलाके में निर्माण कार्य के कारण कुछ पेड़ों को नुकसान से बचाने के लिए कहा तो संबंधित अतिरिक्त एसएचओ और एसएचओ का उनसे विवाद हो गया। जबकि दिल्ली सरकार के वकील ने दलील दी कि संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने अधिकारियों को चेतावनी दी है और उन्होंने वकील से माफी मांग ली है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों पुलिस अधिकारियों को पेड़ लगाने के लिए कहते हुए आरोप मुक्त कर दिया।